Monday, November 25, 2024
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समस्तीपुर सदर अस्पताल में ओपीडी का समय 8:30 से, 10 बजे तक डॉक्टरों का चैंबर था खाली.

समस्तीपुर ।जिले का सबसे बड़ा अस्पताल सदर अस्पताल में दूर दराज से मरीज इस उम्मीद में पहुंचते हैं वहां डॉक्टर और दवा मिल जाएगी। लेकिन शुक्रवार को देहाती इलाके से पहुंचे मरीजों को कई घंटों तक डॉक्टर के आने का इंतजार करना पड़ा। अोपीडी में दिन के 10:00 बजे तक डॉक्टर नहीं आए थे, जबकि ओपीडी खुलने का समय सुबह 8:30 बजे है। डॉक्टरों के नहीं आने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ‌बताया गया है कि सुबह 8 बजे से पहले ओपीडी भवन खुल गया था। साफ-सफाई के बाद दिन के 8.30 बजे पुर्जा काटने वाले कर्मियों का आना शुरू हो गया। इसके बाद वहां मौजूद मरीजों का पुर्जा काटे जाने लगा। पुर्जा लेकर मरीज पुर्जे में नामित डॉक्टर के चेंबर के पास पहुंचे तो उन्हें निराशा हाथ लगी। चैंबर में डॉक्टर नहीं थे। समान्य ओपीडी से लेकर बच्चा ओपीडी, टीबी ओपीडी, आई ओपीडी सभी खाली पड़ा हुआ था। यह सिलसिला सुबह 8:30 बजे से लेकर दिन के 10:00 बजे तक चलता रहा। दिन के 10:00 बजे के बाद डॉक्टरों का आना शुरू हुआ। दिन के 10.10 बजे समान्य ओपीडी में डॉक्टर पहुंचे। जिसके बाद बच्चा ओपीडी व अन्य विभागों के डॉक्टर पहुंचे। तब जाकर मरीजों का उपचार शुरू हुआ।

ओपीडी में कौन कौन डॉक्टर लेट से आए हैं। इसकी जांच करा कर उन पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कई डॉक्टर पीजी की पढ़ाई के लिए चले गए हैं। इस कारण परेशानी आ रही है, फिर भी ओपीडी में डॉक्टरों का होना जरूरी है। -डॉ एसके चौधरी, सिविल सर्जन

मरीज बोले- 8 बजे आ गए थे 10 बजने वाला है, नहीं आए डॉक्टर साहब

अस्पताल में आए मरीजों का कहना था कि वे लोग सुबह 8:00 बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे। 8:30 बजे से पुर्जा काटा गया लेकिन डॉक्टर में के चेंबर में नहीं रहने के कारण वे लोग बैठे हुए हैं । जबकि उन्हें फिर घर वापस भी जाना है। वारिसनगर के हजपुरवा गांव की वीणा देवी ने बताया कि उनके पुत्र को निमोनिया है। वह सुबह आठ बजे ही अस्पताल आ गई थी। सबसे पहले उसने पुर्जा भी कटाया लेकिन डॉक्टर का चेंबर खाली है। जितवारपुर के छोटेलाल यादव ने बताया कि वह 8:15 बजे ही ओपीडी में आ गए थे।

दिन के 10:00 बज रहा है लेकिन अब तक कोई डॉक्टर नहीं है। जबकि उन्हें कमर में काफी दर्द है। इमरजेंसी में भी लोगों ने उपचार नहीं किया। कहा कि आपका उपचार ओपीडी में होगा। वारिसनगर हाजपूर्वा गांव निवासी वीणा देवी ने बताया कि उनके बेटे को निमोनिया की शिकायत है। वह सुबह 8:00 बजे ही अस्पताल आ गई थी। वह काफी समय से डॉक्टर का इंतजार कर रही है। अब तो दिन के 10:00 बजने वाले हैं, लेकिन अब तक कोई डॉक्टर नहीं आए हैं।

Kunal Gupta
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