कार्तिक पूर्णिमा पर आज मेले सा माहौल,ढाई लाख श्रद्धालु 55 गंगा घाटों पर लगाएंगे आस्था की डुबकी.
कार्तिक पूर्णिमा पटना..कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में मंगलवार को मेले सा माहौल रहने वाला है। सुबह गंगा नदी में करीब ढाई लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। 55 गंगा घाटों पर प्रशासन की ओर से स्नान करने की व्यवस्था की गई है। 183 जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई है। आसपास के जिलों से सोमवार को ही श्रद्धालुओं का पटना आना शुरू हो गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 9 टीमें गंगा नदी में पेट्रोलिंग करेंगी। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण होने की वजह से कई लोगों ने सोमवार को ही गंगा स्नान कर लिया, मगर अधिकतर श्रद्धालु मंगलवार सुबह डुबकी लगाएंगे। अलसुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होने लगी है।
प्रशासन की ओर से पटना के 6 प्रमुख घाटों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। जिन जगहों पर मोटरबोट पर जवान तैनात रहेंगे उसमें बाढ़, फतुहा, मनेर, पटना सिटी, दीघा, गांधीघाट तथा भद्रघाट शामिल हैं। हर एक घाटों पर स्थानीय थानों की पुलिस के अलावा अतिरिक्त बल को तैनात किया गया है। सोमवार रात से ही पुलिस शहर की सड़कों पर सक्रिय हो गई।
दरअसलस रात के वक्त से ही लोग गंगा स्नान करने पटना के अलग-अलग घाटों पर पहुंचने लगे। लिहाजा पुलिस ने गश्ती तेज कर दी। एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने सभी डीएसपी और थानेदारों को अपने इलाके में अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों पर पुलिस पैनी नजर रखेगी।
शहर के कई मठ-मंदिरों में देव दीपावली आज
कार्तिक पूर्णिमा की रात को देव दीपावली मनाने की परंपरा है। विष्णु धर्मसूत्र के अनुसार इस दिन स्नान से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पटना में भी कई मठ-मंदिरों में देव-दीपावली मनाई जाएगी। इसमें सालिमपुर अहरा स्थित दुर्गा मंदिर, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी सहित कई मठ-मंदिरों में इस बार दीप जलाने की तैयारी है। बताते चलें कि शास्त्रों में तीन दीपावली का जिक्र है। अश्विन अमावस्या को पित्र दीपावली, कार्तिक अमावस्या को मानव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है।
पूर्णिमा का समय 3 बजकर 53 मिनट तक
स्नान-दान की कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार(8 नवंबर) को है। पूर्णिमा 7 नवंबर (सोमवार) दोपहर 3.58 बजे से शुरू होकर 8 नवंबर (मंगलवार) दोपहर 3 बजकर 53 मिनट के बीच है। 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने के कारण पूर्णिमा व्रत रखने वाले कई श्रद्धालुओं ने सोमवार को ही व्रत-उपवास कर लिए। आचार्य माधवानंद(माधव जी) कहते हैं कि 7 नवंबर को व्रत की पूर्णिमा के दिन अमृत योग रहा।