बिहार में जल्द शुरू होगी शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, 6000 पदों को भरने की तैयारी शुरू..
पटना।
बिहार में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. जल्द ही राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी है. इन पदों पर बहाली के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है. प्रदेश के स्कूलों में तकरीबन 6 हजार से अधिक ऐसे पद खाली हैं. ऐसे में विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराने को कही है. सभी जिलों को रिक्त सीटों की जानकारी विभाग को 7 नवंबर तक कोटीवार देनी होगी.
प्रति माह आठ हजार रुपये वेतन
शिक्षा विभाग ने इसी वर्ष की शुरुआत में ही 8386 माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के पदों पर बहाली के लिए आवेदन मांगा था. इन पदों पर नियुक्त होने पर अनुदेशकों को प्रति माह आठ हजार रुपये वेतन देने का प्रावधान है. लेकिन कुल 8386 पदों में से सिर्फ 2350 पदों पर ही नियुक्ति की सूचना जिलों द्वारा उपलब्ध करायी गई.
रिक्त पदों पर नयी नियुक्ति की जरूरत
शिक्षा विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आयी कि राज्य के अधिकांश विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों के पद खाली रह गए हैं. ऐसे में अब इन रिक्त पदों पर नयी नियुक्ति की जरूरत है. इससे पहले वर्ष 2019 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के पदों पर बहाली के लिए परीक्षा ली गई थी. इस परीक्षा में करीब 3500 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. इनमें 2300 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई लेकिन अभी भी 1200 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्हें नियुक्त नहीं किया गया है. ऐसे अब जब दुबारा आवेदन लिया जाएगा तो इन 1200 अभ्यर्थियों की नियुक्ति तय है.
अधिकतर जिलों में पद खाली रह गये
मई में पहले चरण के शारीरिक शिक्षकों की खत्म हुई प्रक्रिया में उत्तरी बिहार के अधिकतर जिलों में पद खाली रह गये हैं. कुछ जिले तो ऐसे हैं, जहां शारीरिक शिक्षकों ने आवेदन ही नहीं किये. इससे रिक्तियां जस-की- तस रह गयी हैं. सर्वाधिक शारीरिक शिक्षकों की भर्ती आरा, बक्सर, रोहतास, कैमूर, और अन्य दक्षिण-पश्चिमी बिहार के जिलों में हुई है. शेष क्षेत्र में इक्का- दुक्का ही शारीरिक शिक्षक मिले. पहले चरण में उम्मीद जतायी जा रही थी कि पात्रता परीक्षा पास सभी को नियुक्ति मिल जायेगी. यह देखते हुए कि कुल पात्र अभ्यर्थियों से दोगुना से अधिक रिक्तियां जारी की गयी थीं. काउंसलिंग के बाद करीब दो हजार ही नौकरी पा सके, क्योंकि अधिकतर अभ्यर्थियों ने केवल आसानी से पहुंच वाले इलाकों के लिए आवेदन किये.