फाइलों में चल रही बिहार की स्कूली योजनाएं, सत्र शुरु होने के 4 महीने बाद नवंबर में डीबीटी करेगा शिक्षा विभाग..
बिहार में सरकार स्कूली छात्र और छात्राओं के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है लेकिन शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते सत्र शुरू होने के करीब 4 महीने बाद भी छात्रों को उनके खाते में पैसे नहीं भेजे गए हैं। 4 महीने की देरी के बाद अब शिक्षा विभाग ने फाइलों में उलझे इस काम को गंभीरता से लिया है। विभाग ने बताया कि बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लाभुक योजनाओं की राशि इस माह की 15 तारीख तक डीबीटी के माध्यम से खाते में भेजी जाएगी। शिक्षा विभाग का डीबीटी कोषांग इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। 15 नवम्बर को समारोहपूर्वक 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता पूरी करने वाले लाखों बच्चों के खाते में विभिन्न योजनाओं की तकरीबन 5000 करोड़ की राशि भेजी जाएगी।
बिहार के सरकारी स्कूलों में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को इस शैक्षिक सत्र में मुख्यमंत्री साइकिल योजना की राशि भी नहीं मिल पायी है। साइकिल के साथ ही पोशाक, छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन योजना तथा किशोरी स्वास्थ्य योजना की राशि से स्कूली विद्यार्थी अबतक वंचित थे। सत्र की शुरुआत के तकरीबन 4 महीने बाद अब जाकर 5000 करोड़ रुपए लाभुक योजनाओं के लिए वित्त विभाग की मुहर के बाद शिक्षा विभाग बच्चों तक पहुंचाने में जुट गया है।
अक्टूबर में इसको लेकर डीबीटी कोषांग ने सभी 38 जिलों से 75 फीसदी हाजिरी वाले विद्यार्थियों का ब्यौरा वेबसाइट पर अपलोड कराया था। हालांकि पिछले दो सत्रों में कोरोना संक्रमण के चलते लंबी स्कूलबंदी को देखते हुए कक्षा में 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता में छूट दी गई है। अब साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन, किशोरी स्वास्थ्य आदि लाभुक योजनाओं की राशि स्टूडेंट्स के खाते में भेजी जाएगी।
बिहार सरकार की कई स्कूली योजनाओ के क्रियान्वयन में देरी से छात्रों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग अब जल्द से जल्द लाभार्थी छात्रों को उनके खाते में पैसे भेजने पर काम कर रहा है। विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि आगामी 15 नवंबर तक 75 फीसदी काम पूरा कर लिया जाएगा।