Samastipur: स्टीम इंजन स्क्रैप चोरी मामले में फरार स्क्रैप ठेकेदार की कुर्क होगी संपत्ति..
समस्तीपुर। समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास से स्टीम इंजन स्क्रैप चोरी मामले में फरार स्क्रैप ठेकेदार पंकज कुमार ढनढनिया के घर की कुर्की जब्ती होगी। इसके लिए खगड़िया रेलवे कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। इससे पूर्व छापेमारी के बाद भी लंबे समय तक गिरफ्तार नहीं होने पर आरपीएफ ने खगड़िया रेलवे न्यायालय को फरार घोषित करने के लिए पत्र दिया था। इस पर पूर्व में ही न्यायालय ने फरार घोषित करने को लेकर आदेश जारी कर दिया था। अब आरपीएफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करेगी। आरपीएफ ने विगत एक अप्रैल को शहर के बंगाली टोला में स्क्रैप ठेकेदार के घर पर डुगडुगी बजाकर इश्तेहार चिपका दिया था।
स्क्रैप चोरी में एडीएमई की संलिप्तता की होती रही चर्चा
मामले में सहायक मंडल यांत्रिक अभियंता (एडीएमई) कुमार कृष्णा शंकर की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को डीआरएम कार्यालय और लोको शेड में चर्चा जारी रही। रेल कर्मियों के बीच चर्चा थी कि अब लोको शेड के किस अधिकारी का नाम सामने आएगा। 17 जून को नोएडा से सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का राज खुला था। उसने कई अधिकारियों के नाम बताए थे। इसके आधार पर आरपीएफ ने जांच की तो एडीएमई की संलिप्तता उजागर हुई। इसके बाद उसे 19 अक्टूबर की रात समस्तीपुर में गिरफ्तार किया। रेल कोर्ट में पेशी के बाद उसे गुरुवार को ही जेल भेज दिया गया। मामले में शामिल अन्य की तलाश जारी है।
रेल इंजन का स्क्रैप काटकर किया गया था गबन
एडीएमई ने ही 13 दिसंबर 2021 को सीनियर सेक्शन इंजीनियर और हेल्पर को चालान लेकर समस्तीपुर से पूर्णिया कोर्ट के लिए रवाना किया था। 14 दिसंबर को पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास रखे गए स्क्रैप को गैस कटर से काटकर वाहनों पर लोड कराया गया था। इसके बाद स्क्रैप ठेकेदार ने इसे बेच दिया गया था। वहां पर आउटपोस्ट के तत्कालीन प्रभारी एमएम रहमान ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी। इंजीनियर ने उन्हें एडीएमई द्वारा निर्गत मेमो दिखाया था। इसके बाद स्क्रैप को बाहर निकाला गया था। लेकिन, स्क्रैप 16 दिसंबर को तक समस्तीपुर लोको शेड नहीं पहुंचा। 17 दिसंबर को लोको शेड में तैनात दारोगा ने आवक रजिस्टर में ट्रक की इंट्री करने को कहा। इस पर महिला सिपाही ने ट्रक के आगमन के बिना ही इंट्री करने से संबंधित जानकारी वरीय अधिकारी को दी। तब मामले का सच सामने आया।