शौचालय घोटाला के खिलाफ आमरण अनशन,6 साल पहले ही निकल गयी योजना की राशि.
Bihar News: बिहार में शौचालय योजना की राशि में गड़बड़झाला का मामला सामने आया है. बांका में शौचालय निर्माण की राशि को लेकर दर-दर ठोकरे खाने के बाद सोमवार को पीड़ित समाहरणाय गेट के समीप आमरण अनशन पर बैठ गया. पीड़ित ने मामले में स्थानीय बीडीओ को निलंबित करने एवं जांच कमिटी गठित कर न्याय की मांग की है. मामले को लेकर पंजवारा निवासी पीड़ित सुभाष भगत ने प्रमंडलीय आयुक्त को भी आवेदन दिया है.
6 साल पहले ही किसी ने पैसा लिया
आवेदन में जिक्र किया गया है कि उन्होंने 2018 में शौचालय का निर्माण कराया और 2019 में मां की तस्वीर व कागजात के साथ प्रखंड में जमा किया. जहां अधिकारी ने बताया कि 2012 में ही शौचालय राशि का उठाव हो चुका है. जिसके बाद पीड़ित पंचायत के मुखिया के पास पहुंच गये. लेकिन यहां न्याय नही मिला. 2020 में मामले से संबंधित स्थानीय बीडीओ को आरटीआई भेजा गया. जिसका जबाब अब तक नही मिल पाया है.
बीडीओ से लेकर डीएम तक के पास गया पीड़ित
पीड़ित ने कहा कि मामले में बीडीओ से मिला. जहां बीडीओ ने डांट फटकार लगाते हुये शौचालय की राशि नही मिलने की बात कहीं. मामले में जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव से भी शिकायत की गयी. उन्होंने डीएम से बात कर मामले में बीडीओ से जांच कराने की बात कहीं. लेकिन अब तक किसी प्रकार की जांच नही हो पायी है.
दलाल ने कहा- पैसा दो काम कर देंगे आसान
पीड़ित आवेदक ने बताया कि प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर लगाता रहा. लेकिन कोई सफलता नही मिली. गत 27 अगस्त को मामले से संबंधित आवेदन डीएम को दिया गया. जिसपर जांच कराने का अश्वासन दिया गया. इसी बीच प्रखंड का एक दलाल पीड़ित के पास आया और बोला कि शौचालय की राशि दे देते हैं, इधर-उधर आवेदन मत दो. आगे बताया कि पंचायत में दलाल 500 से 4 हजार रुपया लेकर शौचालय की राशि दिलवा रहे हैं. मामले का विडियो भी वायरल हुआ है. जिसके बाद उक्त दलाल के द्वारा घर पर आकर धमकाया गया.
बीडीओ ने बताया
पीड़ित ने उचित न्याय को लेकर अनशन स्थल पर अनशन की इजाजत की मांग की है. उधर बीडीओ राकेश कुमार ने बताया है कि 2012 में पीएचईडी विभाग के द्वारा लाभुकों के खाते में शौचालय राशि भेज दिया जाता था. लेकिन अब शौचालय योजना की राशि का भुगतान प्रखंड से ही होता है. आवेदन मिलने के साथ ही जांच कर उनका भुगतान कर दिया जायेगा.