दूर-दूर से श्रद्धालु यहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने आते हैं:दलसिंहसराय मे शक्तिस्थल के रूप में प्रसिद्ध है 1918 में स्थापित..
दलसिंहसराय।
शहर में स्थित कालीस्थान मोहल्ला में सन 1918 ई में स्थापित जन कल्याण दुर्गा मंदिर शक्ति स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इस बार अपनी 105 साल पूरे कर चुकी है। मंदिर की स्थापना मंगलसाह के द्वारा किया गया था उस समय वे स्वयं अपने हाथों से माँ दुर्गा की प्रतिमा बनाकर पूजा करते थे। स्थापना काल से ही यहां परम्परा के अनुसार पशु की बलि दी जाती थी जो पिछले 20 वर्षो से बंद है। वहीं मंदिर परिसर मे ही माँ काली व माँ दुर्गा की स्थाई प्रतिमा पर सालाें भर भक्तों के द्वारा पूजा अर्चना की जाती है ।
दूर-दूर से श्रद्धालु यहां प्रतिदिन पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। लोगोे का मानना है कि यहां मांगी हर मुराद पूरी होती है। इस मंदिर के कारण ही मोहल्ले का नाम कालीस्थान रखा गया था। मंदिर मे होनो वाले पूजा को सन् 1918 से 1985 तक सरकारी पूजा का दर्जा भी प्राप्त था,। जिसका सारा खर्च स्थानीय प्रशासन के द्वारा वहन किया जाता था। उस समय विजयादशमी को मूर्ति विसर्जन के दिन मूर्ति को नाव पर रखकर सीमा वर्ती जिले रशीदपुर के अहियापुर तक जल मार्ग से जुलूस निकाला जाता था पुनः वापस दलसिंहसराय स्थित प्रभुजी घाट पर लाकर प्रातः 3 बजे माता की मूर्ति विसर्जन की परम्परा थी।
उस समय मंदिर के पुरोहित उपेंद्र झा के बाद करीब चार पुश्तों तक अपनी सेवा देते रहे उनके मृत्य के उपरांत उनके पुत्र पुरोहित के रूप में कार्य कर रहे हैं। मंदिर के भगतिनि गीता देवी के पूर्वज पिछले पुश्त दर पुश्त इस मंदिर की सेवा करते आये हैं। जो आगे भी चलता रहेगा।
मंदिर में पूजा समिति के सदस्य विकास कुमार खन्ना ने बताया कि इस बार दो साल बाद पूजा का आयोजन धूम धाम से मनाया जाएगा। सरकार के द्वारा दिये गए दिशा निर्देश का पालन किया जाएगा। वही कोविड के बाद इस बार माता के दरबार मे छप्पन भोग, व भंडारा का आयोजन कराया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर में महाआरती का आयोजन सप्तमी के दिन आयोजित होगा।