दलसिंहसराय से उपेन्द्र कुशवाहा ने युवा मांगे रोजगार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना ।
दलसिंहसराय। देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है । युवाओं को रोजगार देने से इतर केंद्र में मोदी की सरकार रोजगार देने वाली सभी सरकारी ,अर्ध सरकारी उपक्रम को निजी हाथों में देकर बेरोजगारी को बढ़ाने का काम कर रही है । अब युवा अपने अधिकारों के प्रति सजग हो रहे है। वो दिन दूर नही जब किसान आंदोलन की तरह ही युवा मांगे रोजगार अभियान भी सफल होगा। केंद्र सरकार को युवाओं के आगे झुकना होगा । बिहार में महा गठबंधन की सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दस लाख रोजगार देने की घोषणा कर ये दिखा दिया है रोजगार के माध्यम से ही देश को सशक्त बनाया जा सकता है । उक्त बाते सोमावर को दलसिंहसराय प्रखंड के रामपुर जलालपुर स्थित आरल महतो बी एड कॉलेज में “युवा मांगे रोजगार” अभियान के तहत “पत्र संग्रह रथ यात्रा” का विधिवत शुभारंभ करने को लेकर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने
कहा । इस दौरान राज्य सभा सदस्य रामनाथ ठाकुर , रामबालक सिंह और असमेध देवी ने सभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के द्वारा दी जा रही रोजगार को गिनाया । इससे पूर्व जदयू नेता प्रशांत पंकज ने सभी आगत अतिथिओ का स्वागत करते हुए सभा की समापन की घोषणा की । सभा समापन के बाद जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद कुशवाहा जदयू राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर, जदयू के नेता अंगद कुशवाहा, विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह, जदयू के जिला अध्यक्ष अश्वमेध देवी रथ को सामूहिक रूप से हरी झंडी दिखाकर किया गया । इस अभियान के तहत यह रथयात्रा समस्तीपुर जिला के सभी प्रखंडों के प्रत्येक पंचायत से होकर गुजरेगी और इन जगहों पर वह जो युवा बेरोजगार हैं, उनके द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र को संग्रह करेगी । एक महीने तक चलने वाला इस रथयात्रा के द्वारा तकरीबन एक लाख पत्र का संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया है । जदयू नेता प्रशांत पंकज ने कहा कि इस अभियान को किसी जाति धर्म या पार्टी से ना देखा जाए इसी अभियान में बढ़-चढ़कर भाग ले । युवा जदयू नेता प्रशांत पंकज ने ये भी बताया कि “युवा मांगे रोजगार” अभियान मील का पत्थर साबित होगा और सरकार नौकरी देने के लिए बाध्य होगा । प्रशांत पंकज ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 2014 के भाषण याद कराते हुए आपके द्वारा कहे गए दो करोड़ के हिसाब से अब तक 16 करोड नौकरी देश के युवाओं को मिलना चाहिए था, लेकिन स्थिति इतनी नाजुक है कि देश के युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं ।