समस्तीपुर:मौर्य ध्वज, सत्याग्रह, सद्भावना एक्सप्रेस समेत 6 ट्रेनों में यात्रियों को मिलेगी विशेष सुविधा..
समस्तीपुर। यात्रियों को आरामदायक और बेहतर रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए रेलवे ने एक और पहल की है। पूर्व मध्य रेल अंतर्गत समस्तीपुर और सोनपुर रेल मंडल से छह ट्रेनों में उन्नत और आधुनिकतम वातानुकूलित तृतीय इकोनॉमी श्रेणी का एक-एक कोच लगाने का निर्णय लिया गया है। यह यात्रियों को कम किराया पर बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। इसको लेकर जयनगर से अमृतसर के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 04651 क्लोन एक्सप्रेस में सुविधा बहाल कर दी गई है। इसके अलावा बरौनी से जम्मू तवी के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 12491 मौर्य ध्वज एक्सप्रेस, बापूधाम मोतिहारी-आनंद विहार टर्मिनल के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 14009 सत्याग्रह एक्सप्रेस, रक्सौल से आनंद विहार टर्मिनल के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 14015 सद्भावना एक्सप्रेस 23 अक्टूबर से, रक्सौल-आनंद विहार टर्मिनल के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 14017 सद्भावना एक्सप्रेस में 27 अक्टूबर से और रक्सौल-आनंद विहार टर्मिनल के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 14007 सद्भावना एक्सप्रेस में 28 अक्टूबर से वातानुकूलित इकोनॉमी तृतीय श्रेणी का एक-एक कोच लगाया जाएगा। उक्त जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने दी।
इकोनॉमी क्लास में आठ प्रतिशत सस्ता किराया
नए वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकोनॉमी का किराया नियमित वातानुकूलित तृतीय श्रेणी की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत कम है। यह सस्ती वातानुकूलित रेल यात्रा सेवा है। वातानुकूलित तृतीय श्रेणी की तुलना में नए वातानुकूलित तृतीय इकोनॉमी श्रेणी का बेस फेयर मेल व एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर क्लास के किराए का 2.4 गुना रखा गया है। जबकि मौजूदा वातानुकूलित तृतीय श्रेणी का बेस फेयर स्लीपर क्लास के किराए का 2.6 गुना है।
किफायती दर पर आरामदेह यात्रा की सुविधा
वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकोनॉमी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। जिसमें सुगम प्रवेश द्वार, पर्सनल रीडिंग लाईट, प्रकाशमय बर्थ इंडिकेटर्स, अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सुविधाजनक सीढ़ी दी गई है। वहीं खाने-पीने के लिए खास तरह का स्नैक्स टेबल, दिव्यांग फ्रेंडली टॉयलट, अग्नि सुरक्षा हेतु विश्वस्तरीय मानकों का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कोचों की तुलना में वातानुकूलित तृतीय इकोनॉमी श्रेणी में बर्थ की संख्या अधिक है। इसका उद्देश्य आम लोगों को भी किफायती दर पर आरामदेह यात्रा की सुविधा देना है।