Wednesday, November 27, 2024
Vaishali

स्पीड पोस्ट व पार्सल की बुकिंग के लिए नहीं जाना होगा डाकघर, घर बैठे आप कर लेंगे यह काम

 

भागलपुर। अब स्पीड पोस्ट करना हो या पार्सल की बुकिंग के लिए डाकघर जाना नहीं पड़ेगा। डाकिया आपके घर पर ही आ जाएगा। घर बैठे ही आनलाइन स्पीड पोस्ट करने के साथ पार्सल की बुकिंग भी कर सकेंगे। हालांकि पहले चरण में यह सुविधा बड़े ग्राहकों को ही मिलेगी। दरअसल, डाकघर को डिजिटल इंडिया के मोड में लगाने की तैयारी में डाक विभाग जुट गया है। देश के सभी डाकघर को आपस में जोड़ दिया है। पुराने मनीआर्डर के स्थान पर इ-मनीआर्डर सेवा शुरू किया जा चुका है।

डाकघर के खाते से रुपये निकालने की सुविधा भी लोगों को घर पर दी है। डाक अधीक्षक आरपी प्रसाद के अनुसार ग्राहक इंटरनेट के माध्यम से स्पीड पोस्ट व पार्सल बुकिंग कर सकेगा। टिकट की कीमत भी आनलाइन भुगतान करनी होगी। डाकिया घर पर आकर पार्सल व स्पीड ले जाएगा। पहले चरण में डाक विभाग स्पीड पोस्ट व पार्सल की सुविधा बड़े ग्राहक को उपलब्ध कराएगा। इसके बाद अन्य ग्राहक को यह सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में डाकघर में मिलने वाले गंगा जल, अन्य उत्पादन को भी आनलाइन आर्डर देकर ग्राहक मांगा सकेंगे।

खरीद लिया कूड़ा वाहन, सर्विसिंग बिन होने लगे खराब

शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था में सुधार की कवायद लचर व्यवस्था के आगे ध्वस्त होने लगी है। सफाई को लेकर संसाधनों की खरीदारी में निगम प्रशासन की दिलचस्पी तो है लेकिन, रख-रखाव को लेकर उतने ही बेपरवाह। हालत यह है कि नगर निगम के गोदाम व जोनल कार्यालय में वाहन मेंटनेंस के अभाव में धूल फांक रहा है। कोई दो वर्ष से तो कोई छह माह से खराब पड़ा है। इसके मरम्मत की फाइलें बाबूओं की टेबल पर पड़ी है। जिसे कोई देखने को तैयार नहीं है। शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नए वाहनों की खरीदारी कर ली, लेकिन इसके रखरखाव को लेकर कोई कार्ययोजना नहीं है। नौ माह पहले 55 आटो टिपर की खरीदारी की गई है। इन वाहनों की कंपनी द्वारा फ्री सर्विसिंग किया जाना है। इसके बाद भी गाडि़यों को सर्विसिंग के लिए नहीं भेजा गया है। इसके कारण गाडि़यां खराब होने लगी है। 10 आटो टिपर के हाइड्रोलिक ने काम करना बंद कर दिया है। जबकि आठ से 10 हजार किलोमीटर व एक साल पूरा होने पर सर्विसिंग का प्रावधान है। अधिकांश गाड़ियां 10 हजार किलोमीटर चल चुकी है। स्वास्थ्य शाखा इसे भेजने को लेकर अब तक कार्ययोजना ही तैयार नहीं है।

30 हजार के खर्च में गाड़ियां हो सकती है दुरुस्त नगर निगम छह वर्ष पूर्व 45 आटो टिपर की खरीदारी की थी। प्रत्येक वार्ड में कूड़ा उठाव में जमकर इस गाड़ी का उपयोग हुआ। आटो टिपर से छोटी गलियों में आसानी से आवागमन व कचरे का उठाव हुआ करता था। लेकिन 25 से अधिक आटो टिपर गोदाम में मेंटनेंस के अभाव मेंं रखी हुई है। अधिकांश गाडि़यों के चेचिस व बाडी जर्जर हो गया है। कुछ में टायर के अभाव में उपयोग नहीं किया जा रहा है। कुछ में इंजन का कार्य करना है। एक आटो टिपर की मरम्मत में करीब 30 से 40 हजार रुपये खर्च होना है। निगम के लिए यह छोटी रकम है इसके बाद भी मरम्मत नहीं की गई। वार्ड में कचरा ने तीन जेटिंग मशीन की खरीदारी की थी। इसमें से दो जेटिंग वाहन कोरोना काल से ही खराब पड़े हैं। इसके मोटर पंप खराब है। जबकि महज 30 हजार रुपये में वाहनों को दुरुस्त किया जा सकता है। जेटिंग मशीन के अभाव में चौक-चौराहों पर महापुरुष की प्रतिमा की धुलाई नहीं हो रही है। जबकि शहर के सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय की प्रतिदिन जेटिंग मशीन से धुलाई करना है। यह कार्य भी प्रभावित हुआ है।

Kunal Gupta
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