भागलपुर का कतरनी चावल व चूड़ा विदेशों में, खासियत जानकर आप चौंक जाएंगे, आत्मा ने बनाई है यह योजना
भागलपुर। इस साल भारी पैमाने पर कतरनी चावल व चूड़ा का विदेशों में निर्यात होगा। इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। इस साल जिले में लक्ष्य के अनुरूप कतरनी धान लगी है। पांच सौ एकड़ में कतरनी धान की रोपनी हुई है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो कतरनी धान की अच्छी पैदावार होगी। सुल्तानगंज के आभारतनपुर के किसान मनीष कुमार सिंह ने बताया कि सुल्तानगंज व शाहकुंड प्रखंड में इस साल 250 एकड़ में कतरनी धान की रोपनी हुई है। जगदीशपुर व सन्हौला प्रखंड में डेढ़ से सौ एकड़ में कतरनी धान लगी है। धान की फसल के लिए फिलहाल मौसम अनुकूल है। ऐसा ही मौसम रहा तो धान की अच्छी पैदावार होगी। नदियों में पानी आ जाने की वजह से खेतों में पटवन हो रहा है।
आत्मा ने एपिडा से साधा संपर्क
कतरनी चावल और चूड़ा के निर्यात के लिए आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने एपिडा के क्षेत्रीय प्रमुख सीबी सिंह से संपर्क साधा है। सीबी सिंह ने भरोसा दिलाया है कि इस बार भारी मात्रा में कतरनी चावल और चूड़ा विदेश भेजा जाएगा। आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिहं ने बताया कि इस साल पांच सौ एकड़ में कतरनी धान लगाने का लक्ष्य था। कम वर्षा होने के बावजूद लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर से पांच क्विंटल बीज लेकर किसानों के बीच बांटा गया है। सुल्तानगंज, शाहकुंड, जगदीशपुर, सन्हौला प्रखंड में कतरनी धान की खेती हो रही है। खेत में धान की रोपनी होने के बाद मौसम का साथ मिल रहा है। इसी तरह का मौसम रहा तो अच्छी फसल होगी। दिसंबर से कतरनी चावल व चूड़ा को विदेश भेजने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी।
समूह खरीदेगा धान
कतरनी धान उत्पादक संघ के गठन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आभा रतनपुर के किसान मनीष कुमार सिंह के नेतृत्व में समूह का गठन किया जाएगा। मनीष कुमार सिंह ने बताया कि इस साल जिले में जो भी कतरनी धान का उत्पादन होगा, उसे खरीद लिया जाएगा। किसानों को धान बेचने के लिए इधर-उघर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के प्रयास से इस साल लक्ष्य के अनुरूप कतरनी धान की रोपनी हो पाई है। उन्होंने एक ही दिन में खेतों तक बिजली पहुंचाने का काम किया। इस कारण खेत में पटवन हो पाया और धान की रोपनी हो सकी। अगले साल जनवरी में मकरसंक्रांति के आसपास कतरनी चावल और चूड़ा विदेश भेजा जाएगा। साथ ही महाराष्ट्र सिहत अन्य राज्यों में भी चावल और चूड़ा भेजा जाएगा।
जिलाधिकारी के निर्देश पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय से बीज लेकर किसानों के बीच वितरण किया गया था। उनके ही निर्देश पर कतरनी चावल और चूड़ा विदेश भेजने की तैयारी चल रही है। एपिडा के क्षेत्रीय प्रमुख से लगातार संपर्क किया जा रहा है। दिशा निर्देश के आलोक में कार्य किया जा रहा है। जनवरी में पर्याप्त मात्रा में कतरनी चावल और चूड़ा को विदेश भेजा जाएगा। – प्रभात कुमार सिंह, उप परियोजना निदेशक, आत्म