समस्तीपुर में आरपीएफ ने चलाया आपरेशन उपलब्ध, तीन टिकट दलाल गिरफ्तार..
समस्तीपुर । आरपीएफ ने रेलवे टिकटों की दलाली करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। रेलवे सुरक्षा बल ने टिकटों की दलाली रोकने के लिए आपरेशन उपलब्धचलाया। आरपीएफ ने खानपुर, ताजपुर और हसनपुर में अलग-अलग छापेमारी करते हुए तीन को गिरफ्तार किया। मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर टीम ने कार्रवाई करते हुए सफलता प्राप्त की। तीनों आरोपित के पास से अलग-अलग कुल 9762 रुपये का सात तत्काल ई-टिकट मिला। साथ ही पूर्व में काटा गया 43 हजार 825 रुपये का 20 टिकट भी जब्त किया गया। अवैध रूप से रेलवे टिकट बनाकर बेचने वालों के प्रति रेलवे सुरक्षा बल काफी सक्रिय है।
इन आरोपितों को तत्काल टिकट के साथ किया गया गिरफ्तार
खानपुर में दारोगा पीके चौधरी ने टीम के साथ एक टिकट दलाल को पकड़ा। आरोपित की पहचान खानपुर थाना क्षेत्र के रेवड़ा निवासी सुशील कुमार के रूप में हुई। उसके पास से अवैध रूप से काटे गए तीन तत्काल ई-टिकट बरामद किए गए। जिसका मूल्य 2526 रुपया अंकित था। साथ ही लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया गया। सभी टिकट पर्सनल यूजर आइडी पर बनाया गया था। हसनपुर में दारोगा आरआरपी सिंह ने टीम के साथ कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को पकड़ा। उसकी पहचान हसनपुर थाना क्षेत्र के कोकनी गांव निवासी लालटुन कुमार के रूप में हुई। आरोप के पास से एक तत्काल ई-टिकट मिला। इसके अलावा पूर्व से काटा गया 10 टिकट बरामद किया गया। साथ ही कंप्यूटर, सीपीयू, मोबाइल जब्त किया गया। ताजपुर बाजार में दारोगा निरंजन कुमार सिन्हा ने भी टीम के साथ छापेमारी करते हुए एक को पकड़ा। उसकी पहचान मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के बखरी बुजुर्ग निवासी सुधीर कुमार पाल के रूप में हुई। आरोपी के पास से तीन तत्काल ई-टिकट बरामद किया गया। साथ ही पूर्व का काटा गया 9 टिकट मिला। साथ ही लैपटाप, प्रिंटर, माउस, मोबाइल जब्त किया गया।
मनमानी कीमत पर बेचता था टिकट
आरपीएफ टीम आरोपी के आईडी को अभी भी खंगाला रहा है। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के द्वारा निजी आईडी बनाकर रेलवे ई टिकट बनाकर मनमाने कीमत पर बेचा जाता था। इसकी भनक साइबर सेल को मिली। साइबर सेल ने इसकी सूचना आरपीएफ को दी। जिसके आधार पर आरपीएफ ने छापेमारी कर मामले का खुलासा किया। विदित हो कि कंफर्म टिकट देने के लिए टिकट दलाल के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न नामों से निजी आईडी बनाकर टिकट बनाकर बेचा जाता है।