Tuesday, November 26, 2024
Vaishali

LPG Price: रसोई गैस के दाम में लगी आग, घर-घर जेब पर महंगाई की मार..

 

मुजफ्फरपुर। केंद्र सरकार महंगाई दर कम करने का दावा कर रही लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। पेट्रोल-डीजल, गैस, खाद्य वस्तुओं के लगातार बढ़ रहे दामों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। खाद्य वस्तुओं के फुटकर और थोक कारोबारी लगातार महंगाई का तड़का लग रहे हैं। महंगाई के कारण आम आदमी जरूरत की खाद्य सामग्री के लिए परेशान हो रहे। रसोई कोरोना काल के बाद बिगड़ी अर्थव्यवस्था आमजन को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है।

होटलों में खाना भी मुश्किल

पिछले एक साल में रसोई गैस के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है यू कहे कि रसोई गैस के दाम में आग लगी हुई है। घर-घर लोगों के जेब पर महंगाई की मार पड़ रही है। आटा, तेल, दाल इतने महंगे हो गए कि लोगों की थाल से दाल गायब हो गए हैं। सब्जी के सहारे भोजन के निवाले किसी तरह गटक रहे। महंगाई के कारण होटल वाले भी साधारण थाली, दाल, भात, सब्जी, भुजिया व पापर के साथ 65 से 100 रुपये कर दिया है। नानवेज खाने वाले को दो पीस मुर्गा के साथ चावल लेने पर 150 से 180 रुपये चार्ज किया जा रहा। इसके कारण होटलों में खाना भी मुश्किल हो गया।

गैस के साथ पेट्रोल-डीजल भी रेस में

गैस के साथ महंगाई के रेस में सबसे अधिक पेट्रोल व डीजल है। इसकी कीमते बढ़ना भी महंगाई का मुख्य वजह बताया जा रहा है। घरेलू गैस सिलिंडर, खाद्य सामग्री के साथ ही बिजली की दरें भी लगातार बढ़ रही हैं। महंगाई के असर से दवाओं पर भी है। दवा निर्माण कंपनियों को कच्चा माल कम मात्रा में मिलने से उत्पादन प्रभावित होने से 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है। रसोई गैस सिलिंडर की कीमत अभी 1150 रुपये है। व्यवसायिक गैस सिलिंडर की कीमत दो महीना पहले 2800 हो गई थी।

लेकिन बीच में दो थोड़ा-थोड़ा घटने से 2400 पर आ गई है। इससे लाखों उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। पहले यदि रसोई गैस सिलिंडर के दामों में इजाफा होता था तो उपभोक्ता के बैंक खाते में थोड़ी-बहुत सब्सिडी वापस आ जाती थी। लेकिन पिछले साल से सब्सिडी भी बैंक खाते में आना बंद हो गया है। इसका असर सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने लगा है। इससे घर की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है।

बिगड़ा किचन का बजट

सादपुरा से गृहिणी मोना कुमारी ने कहा कि, तेल से लेकर दाल के कीमतों में एक माह के अंदर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही। हर माह दाम बढ़ते जा रहे हैं। कहीं न कहीं पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत से ज्यादा प्रभाव पड़ा है। आर्थिक रूप से सभी की कमर टूट रही लेकिन महंगाई में कमी नहीं आ रही। रसोई गैस की कीमत ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है।

रामकृपालन नगर, बेला की रहने वाली गृहिणी निधि कुमारी के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। रसोई गैस में तो मानों आग लगी हुई है। बच्चों की पढ़ाई खर्च से लेकर रसोई खर्च तक महंगा होते जा रहा है। बढ़ती महंगाई रसोई संभालने में दिक्कत पैदा कर रही है। सरकार को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।

हेडमास्टर अर्चना कुमारी का कहना है कि, महंगाई से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। तेल, दाल और रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। कोरोना से पहले 80-90 रुपये लीटर तेल था वहीं तेल अब 180 रुपये लीटर यानी दोगुना से भी ज्यादा बिक रहा। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। नहीं तो यह आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगा।

जनवरी 2021 से अभी तक कब-कब बढ़ा गैस का रेट

घरेलु गैस सिलिंडर 14.2 केजी कमर्शियल गैस सिलिंडर 19 केजी

जनवरी — 791.50 1536.50

फरवरी —791.50 1531.00

मार्च ——916.50 1808.00

अप्रैल —-916.50 1852.00

मई —— 906.50 1806.50

जून——-906.50 1683.50

जुलाई — 932.00 1766.00

अगस्त — 932.00 1839.00

सितंबर- 982.00 1907.50

अक्टूबर- 982.00 1943.00

नवंबर- 997.00 2211.00

दिसंबर- 997.00 2314.50

जनवरी 2022 से —

जनवरी — 997.00 2215.00

फरवरी –997.00 2126.00

मार्च —–997.00 2234.00

अप्रैल– 1047.00 2502.50

मई — 1047.00 2606.00

जून — 1100.00 2476.50

जुलाई— 1100.00 2295.50

अगस्त –1150.00 2250.50

Kunal Gupta
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