बिहार में क्यों बनते हैं इतने अधिक ड्राइविंग लाइसेंस? देश के टॉप 10 में राज्य.
बिहार की सड़कों पर न सिर्फ वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी धड़ल्ले से बन रहे हैं। राज्य में 50 लाख से अधिक लाइसेंस बन चुके हैं। इसमें केवल इस साल ही अब तक साढ़े चार लाख से अधिक लाइसेंस बन चुके हैं। देश के दस शीर्ष राज्यों में बिहार शामिल है, जहां से सर्वाधिक लाइसेंस जारी हुए हैं।
राजधानी पटना की तुलना में तीन-चार गुना अधिक लाइसेंस दूसरे छोटे जिलों से जारी हो रहे हैं। खासकर वैसे जिले जहां अभी टेस्टिंग ट्रैक नहीं हैं, उन जिलों में लाइसेंस बनाने की होड़ मची है। बिहार में अभी मात्र दो जिला पटना और औरंगाबाद में ही टेस्टिंग ट्रैक बना है। इसका असर भी दिख रहा है। इन दोनों जिलों में लाइसेंस बनाने वालों की संख्या में कमी आई है और यहां फेल करने वालों की संख्या भी अधिक है। इस डर से लोग पड़ोस के जिलों में जाकर लाइसेंस बनवाना शुरू कर चुके हैं। इस साल जनवरी से जुलाई तक बिहार में चार लाख 64 हजार 557 लाइसेंस के लिए आवेदकों ने परीक्षा दी। इसमें से मात्र 2076 फेल हुए। फेल होने वालों में 1477 आवेदक अकेले पटना के हैं। पटना में 11546 में से 1477 आवेदक फेल कर गए और 10 हजार 69 ही पास कर सके।
बिहार में गाड़ियों की संख्या भी बढ़ीं
बिहार में गाड़ियों की संख्या भी बढ़ गई है। राज्य में निबंधित गाड़ियों की संख्या एक करोड़ पांच लाख को पार कर गई है। चार पहिया में अधिकतर लोग चालक ही रखा करते हैं। इस कारण छोटे-छोटे कस्बों के लोग लाइसेंस बनवा रहे हैं ताकि ड्राईविंग कर जीविकोपार्जन कर सकें। इस कारण भी ड्राईविंग लाइसेंस बनाने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है।
औरंगाबाद में 1363 आवेदकों ने लाइसेंस के लिए दिया आवेदन
इसी तरह औरंगाबाद में मात्र 1363 आवेदकों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दिया, जिसमें 1066 पास और 297 फेल कर गए। जबकि सबसे अधिक लाइसेंस जारी करने वाला जिला मुजफ्फरपुर में 54 हजार 522 आवेदक आए और मात्र 29 ही फेल हुए और डीटीओ कार्यालय ने 54 हजार 493 को लाइसेंस जारी कर दिया। जबकि भागलपुर में 28 हजार 155 आवेदक में से मात्र एक को फेल किया गया। वहीं गोपालगंज में 23 हजार 379 में से 69 फेल हुए। समस्तीपुर में 22 हजार 121 में मात्र 36 तो वैशाली में 26 हजार 285 में से मात्र तीन आवेदक ही फेल हुए। गया में 18 हजार 292 आवेदकों में एक भी फेल नहीं हुए। भोजपुर में 11 हजार 958 में मात्र 16 तो दरभंगा में 19 हजार 285 में 15 ही फेल हुए। सीवान में 15 हजार 929 में एक भी आवेदक फेल नहीं हुए। बक्सर में 17 हजार 600 में से मात्र तीन आवेदक ही फेल हुए। भभुआ में 14 हजार 185 में मात्र एक आवेदक फेल हुए। बेतिया में 12 हजार 474 आवेदकों ने लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन दिया जिसमें सबों को लाइसेंस मिल गया और एक भी आवेदक फेल नहीं हुए।