दलसिंहसराय मे पुलिस अभिरक्षा में पुलिस का दावा, सीसीटीवी में दर्ज है आत्महत्या की कहानी,मांगने पर खड़े किए हाथ..
समस्तीपुर । दलसिंहसराय में पुलिस अभिरक्षा में मो. गुलाब की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने सिस्टम को भी कठघरे में ला दिया है। स्थानीय पुलिस जिस सीसी कैमरे में दर्ज फुटेज को खुदकुशी का साक्ष्य बता रही, उसे मांगने पर देने से हाथ खड़ी कर रही है। जिस खिड़की के सहारे खुदकुशी करने की बात पुलिस कह रही है, वह किसी के गले नहीं उतर रहा।
डीएसपी का कहना है कि गुलाब ने पुलिस अभिरक्षा में सिरिस्ता (मुंशी कक्ष)में खुदकुशी की। सवाल यह है कि क्या पांच फीट लंबा और 50 किलोग्राम का युवक रस्सी के सहारे उस खिड़की से लटककर जान दे सकता है। जितनी ऊंची खिड़की है, उसे लटककर खुदकुशी संभव नहीं दिखता। सवाल यह उठ रहा कि क्या रात में सभी पुलिसकर्मी सोए थे। सीसीटीवी कंट्रोल रूम में कोई इसे देखने वाला नहीं था। जब वह पुलिस अभिरक्षा में था तो उसकी निगरानी के लिए कौन प्रतिनियुक्त था? क्या उसे अकेले छोड़ दिया गया। हाजत की जगह उसे मुंशी कक्ष में क्यों रखा गया? खुद चलकर थाने आने वाले गुलाब के साथ आखिरकार ऐसी क्या बात हो गई कि उसे खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा। दलसिंहसराय डीएसपी बताते हैं कि फुटेज में खुदकुशी से जुड़े सभी साक्ष्य मौजूद हैं तो फिर उसे सार्वजनिक करने से परहेज क्यों किया जा रहा है?
अस्पताल से खुद थाने आया था गुलाब : करीब एक बजे दिन में गुलाब ससुराल पहुंचा था। वहां पहुंचते ही मारपीट की घटना हो गई। इसमें दोनों पक्ष को चोट लगी। सूचना पर पुलिस वहां पहुंची। सूचना देने वाले पक्ष को थाने आकर प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा। पुलिस के पहुंचने के पूर्व ही गुलाब चोट दिखाने दलसिंहसराय अस्पताल पहुंचा। वहां से प्राथमिकी दर्ज कराने थाने आया। यहां पुलिस ने उससे कहा कि तुम्हारे खिलाफ पहले से आवेदन है। पुलिस ने उसे अभिरक्षा में ले लिया। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। बाद में दोनों पक्षों में समझौते की सहमति बनी। इसके लिए गुलाब के स्वजन को फोन भी किया गया, लेकिन शाम होने के कारण उन लोगों ने सुबह आने की बात कही। इस कारण गुलाब को पुलिस अभिरक्षा में ही रहना पड़ा।
पुलिस ने नहीं दर्ज की प्राथमिकी : सवाल यह भी है कि गुलाब पर जब पीड़ित पक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था तो उसे दर्ज क्यों नहीं किया गया? मेमो नहीं बनाया गया। डीएसपी का कहना है कि दोनों पक्ष की ओर से समझौते की बात आ रही थी, इस कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। कुछ ऐसी ही लापरवाही को लेकर एसपी ने जांच का जिम्मा डीएसपी को दिया है।
चौकीदार के पानी लाने के दौरान घटना खड़े कर रही सवाल : डीएसपी का कहना है कि रात्रि करीब 10 बजे में पुलिस की टीम गश्ती पर निकल गई। चौकीदार के हवाले सिरिस्ता था। बाहर में एक ओडी आफिसर डयूटी पर थे। चौकीदार पानी लाने गया। फुटेज में रात 12 बजे से 12:14 के बीच में चार बार गुलाब खुदकुशी की कोशिश करते दिख रहा है। पांचवीं बार 12:16 में उसने खुदकुशी कर ली। 12:17 बजे जब चौकीदार ने दरवाजा खोला तो गुलाब को लटका पाया। पानी लाने के दौरान महज कुछ मिनट के अंदर पूरी घटना होने की बात किसी के गले नहीं उतर रही।
वीडियोग्राफी के बीच बना पंचनामा : डीएम के निर्देश पर दलसिंहसराय एसडीओ प्रियंका कुमारी ने अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचकर वीडियोग्राफी के बीच पंचनामा बनाया। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इसके पूर्व शव उठाने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। मृतक के स्वजन पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे। मृतक के ससुरालियों की गिरफ्तारी के बाद ही शव देने की बात कर रहे थे।
अक्सर दवा देने आता था दलसिंहसराय : गुलाब के एक रिश्तेदार ने बताया कि ससुरालियों ने उसके साथ मारपीट की। पुलिस ने ससुरालवालों को पकड़ने की बजाय गुलाब को ही पकड़कर थाने में बंद कर दिया।
मृतक के भाई के आवेदन पर 11 नामजद
घटना को लेकर पीड़ित भाई मो. असलम के आवेदन पर मृतक की पत्नी सहित 11 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें मृतक के साथ मारपीट करने के साथ-साथ उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है। सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी में जुट गई है।
घटना में कहीं न कहीं पुलिस ने लापरवाही की है। इसकी जांच दलसिंहसराय डीएसपी को दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
-हृदयकांत, पुलिस अधीक्षक