बेहद अनोखी तरह से इस जिले का नाम पड़ा अररिया, 1990 तक रहा पूर्णिया का अभिन्न हिस्सा..
डेस्क: बिहार के 38 जिलों में से एक अररिया जिला क्षेत्रफल के दृष्टि से राज्य का 25वां बड़ा जिला है। इसका ये नाम क्षेत्रफल और एक सैन्य अधिकारी के नाम को जोड़कर ही रखा गया है। सीमांचल का प्रमुख जिला अररिया 1990 तक पूर्णिया का हिस्सा रहा। इसके बाद इसे नया नाम दिया गया। कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु जिस माटी में खेले, पले बढ़े वो इसी जिले में है।
भौगोलिक स्थिति
बिहार के उत्तर-पूर्व में बसा है।क्षेत्रफल के दृष्टि से अररिया राज्य का 25वां बड़ा जिला है।इसका क्षेत्रफल 2,830 वर्ग किमी है।प्रकृति का अद्भुत नजारा यहां देखने को मिलता है।नेपाल से सटे होने के कारण यहां ठंड अधिक पड़ती है।बारिश के दिनों में जिला बाढ़ प्रभावित रहता है।जिले के उत्तर में नेपाल, दक्षिण में पूर्णिया जिला, पूर्व में किशनगंज जिला और पश्चिम में सुपौल और मधेपुरा जिले पड़ते हैं।
अररिया का इतिहास- अनोखी तरह से मिला इसे अपना नाम
अररिया का नाम बड़ी अनोखी तरह से पड़ा। इस जिले की हिस्ट्री बताती है कि यहां एक एजे फोर्ब्स साहसी सैन्य रहा करते थे, उनका एक बंग्ला था। इस बंग्ले के एरिया को रेजिडेंशियल एरिया कहा जाने लगा। लोग अपनी सहूलियत अनुसार इसे शार्ट में आर एरिया संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे एक लय में इसका नाम बदलता गया और आर एरिया अररिया में बदल गया।
लोकसभा-विधानसभा, प्रखंड, पंचायत और गांव
संसदीय क्षेत्र- अररिया में लोकसभा सीटें-05 हैं, जिनका नाम क्रमशः रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी है।
जिले में 09 प्रखंड हैं। जो इस प्रकार हैं- नरपतगंज, फारबिसगंज, भरगामा, रानीगंज, अररिया, कुर्साकांटा, सिकटी, पलासी और जोकीहाट हैं।
इतने ही प्रखंडों में कुल पंचायतों की संख्या 218 है। इन पंचायतों के अंतर्गत 751 गांव आते हैं।
जनसंख्या और लिंगानुपात
जनसंख्या के लिहाज से अररिया बिहार का 19वां सबसे बड़ा जिला है।
2011 की जनसंख्या के अनुसार अररिया की जनसंख्या 28,11,569 है।
जिसमें से 1,463,333 पुरुष और 1,348,236 महिलाएं (Female) हैं।
जबकि जनसंख्या घनत्व के हिसाब से यहां एक वर्ग किमी में 993 लोग रहते हैं।
हालांकि बिहार का जनसंख्या घनत्व 1,106 है ऐसे में जनसंख्या घनत्व के मामले में ये राज्य का 25वां सबसे बड़ा जिला हुआ।
लिंग अनुपात: एक हजार पुरुष में 921 महिलाएं।
लोकल लैंग्वेज और रहन-सहन
अररिया में लोग हिंदी, उर्दू, बंगाली, मैथिली और भोजपुरी का इस्तेमाल मुख्य रूप से करते हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सुरजापूरी बोली, कुलहाई बोली, शेखरा बोली और ठेठी बोली भी सुनने को मिल जाएगी। सीमावर्ती जिले में आपको बेहद खूबसूरत परिधान धारण किए लोग मिलेंगे। धोती के साथ शर्ट या कुर्ता पायजामा पुरुष पहनते हैं। वहीं, महिलाएं प्राकृतिक छाप वाली साड़ियां पहने मिलेंगी। मुस्लिम बाहुल्य इलाके में ये पहनावा बदल जाता है। वहीं लेटेस्ट ट्रेंड को भी यहां के लोग बाखूबी अपना रहे हैं।
जिले के मुख्य पर्यटन और धार्मिक स्थल
जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों में खड़गेश्वरी काली मंदिर है, जिसे छह मंजिला काली मंदिर भी कहते हैं। इस मंदिर की पहचान देश के सबसे ऊंचे मंदिरों में भी शुमार है। वहीं शहर के बीच में प्राचीन ठाकुरबाड़ी है, जो भगवान शिव मंदिर का प्रसिद्ध मंदिर है। वहीं मुस्लिम समुदाय का सबसे प्रमुख स्थल जामा मस्जिद भी यहां अवस्थित है। नेपाल जाने वाले पर्यटक अररिया का भी आनंद लेते हैं। वहीं, नेपाल से अधिकतर लोग अररिया के रास्ते बिहार आते हैं। रानीगंज वृक्ष वाटिका यहां का प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। बिहार का पहला बायोडाइवर्सिटी पार्क यहां के कुसियारगांव में ही है। प्रतिकृति स्तूप और क्यूबा मस्जिद भी फेमस है।
अररिया में ही है रेणु ग्राम
भारतीय हिंदी प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की जन्मभूमि अररिया रही है। इन्होंने हिंदी साहित्य को मैला आंचल, जुलूस, परती परिकथा आदि कई उपन्यास दिए।
अर्थव्यवस्था: खेती आधारित
जिले की अर्थव्यवस्था का आधार खेती-किसानी ही है। यहां की मुख्य फसलें धान, मक्का, पटवा और मखाना हैं। भारत सरकार के द्वारा 2006 में इसे देश के 250 पिछले जिलों में रखा गया था। यहां नेपाल से लोग खरीददारी करने आते हैं। इस लिहाज से मार्केट में पिछले कुछ महीनों से नए व्यवसाय-धंधे भी देखने को मिले हैं।
कैसे पहुंचे अररिया?
रेल मार्ग: एक बड़ी रेल लाइन इस जिले को कनेक्ट करती है, जो कटिहार रेलवे स्टेशन से जुड़ी हुई है। वहीं दूसरी जोगबनी तक ये रेल लाइन है। यहां से भारतीय रेलवे की सीमा समाप्त हो जाती है। नजदीकी रेलवे स्टेशन अररिया कोर्ट और अररिया आरएस है।
सड़क मार्ग: अररिया राष्ट्रीय राजमार्ग 57 से जुड़ा है। अररिया बस अड्डा से बिहार राज्य के विभिन्न जिलों एवं जिला अंतर्गत सभी प्रखंडो के लिए बस द्वारा आसानी से आवागमन किया जा सकता है। अररिया शहर में दो बस अड्डे हैं, एक जीरो माइल अररिया और दूसरा शहर के बीच में स्थित है।
वायु मार्ग : यहां से निकटतम हवाई अड्डा बागडोगरा हवाई अड्डा है। हालांकि पूर्णिया हवाई अड्डे के निर्माण की प्रक्रिया तेज गति में है। इसके बाद ये हवाई अड्डा निकटम होगा।
बारिश में उफनाती नदियां…
अररिया की प्रमुख नदी कोसी है। इसके अलावा यहां सुवाड़ा, काली, परमार और कोली नदियां हैं। ये नदियां बारिश के समय उफनाती हैं, जो बाढ़ का कारण बनती हैं।