समस्तीपुर के बूढ़ी गंडक की पेटी में अवैध रूप से बसे हैं 400 परिवार, प्रशासन लापरवाह..
समस्तीपुर।
शहर से होकर बहने वाली बूढ़ी गंडक की पेटी के बीसफुटिया क्षेत्र में अवैध रूप से 400 से अधिक परिवार वर्षों से रह रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही के कारण अब उनका अस्थाई आशियाना अब स्थाई बनता जा रहा है। जब बाढ़ आती है तो यही परिवार बांध पर आकर वहां आशियाना बनाकर उसे भी क्षतिग्रस्त कर कमजोर करते हैं। वहीं दूसरी ओर अवैध रूप से बसी इस पूरी कॉलोनी में वर्षों से अवैध रूप से बिजली जलाई जा रही है। जबकि बिजली विभाग इससे पूरी तरह से बेखबर बना हुआ है। बताया जाता है कि हर घर में नजदीकी पोल से तार जाती हुई दिखाई देती है। सभी के यहां बल्ब, पंखा आदि का कनेक्शन है। जहां प्रीपेड मीटर में भुगतान समाप्त होने पर घंटों में बिजली काट दी जाती है, वहां सैकड़ों परिवार वर्षों से अवैध रूप से बिजली जला रहे हैं। मगर आज तक विभाग की ओर से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
नगर प्रशासन से नहीं लिया गया है रहने का कोई आदेश
बताया जाता है कि बीसफुटिया में बसे सैकड़ों परिवार में से किसी ने नगर प्रशासन या फ्लड विभाग किसी से यहां रहने को लेकर कोई आदेश नहीं लिया है। कई पुश्त से यहां लोगों का रहना हो रहा है। वहीं यहां बनाए जा रहे नए मकानों को लेकर भी नगर प्रशासन से किसी प्रकार का नक्शा पास नहीं कराया जा रहा है। जानकारों का बताना है कि नदी की पेटी में अवैध रूप से रह रहे लोग यहां मकान बनाने को लेकर किसी प्रकार का नक्शा पास नहीं करा सकते हैं। वहीं प्रशासन इसको लेकर काेई समाधान नहीं ढूंढ रहा है। जिससे यहां बसने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
^पोल में टोंका फंसाकर बिजली जलाना गलत है। बीसफुटिया में बसे लोग कैसे बिजली जला रहे हैं, जांच होगी। अवैध कनेक्शन होने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी। नियमानुसार ही बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। -गौरव कुमार, एसडीओ शहरी, बिजली विभाग
^बूढ़ी गंडक नदी की पेटी में बसे लोगों को नगर प्रशासन की ओर से वहां बसने को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया है। वहीं स्थाई बन रहे संरचना को लेकर काेई नक्शा पास की कार्यवाही जैसी बात नहीं है। इस संबंध में फ्लड विभाग के अधिकारी से बात की जाएगी। -शाहीद रजा खान, उपायुक्त, नगर निगम, समस्तीपुर
^बांध पर मौजूद हर कच्चा मकान व दुकान अवैध है। नदी की पेटी व बांध पर रहने वालों को हटाने के लिए एसडीओ व सीओ को लिखा गया था। इसके बावजूद सालों से कोर्ठ कार्रवाई नहीं की गई है। बांध की सुरक्षा के लिए इसका हटाना जाना आवश्यक है। -अरूण प्रकाश, ईई, फ्लड विभाग, समस्तीपुर