Tuesday, November 26, 2024
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कांवर यात्रा 2022:पांव में पीड़ा,चेहरे पर नहीं कोई गम, जुबां पर सिर्फ बोल-बम,कच्ची कावंरिया पथ के बालू तप रहे..

कांवर यात्रा 2022:कांवरिया पथ से शितांशु शेखर (मुंगेर) : दिन शनिवार, समय सुबह के 6.45 बजे। कच्ची कांवरिया पथ पर बाबाधाम जाने वालों की भीड़। सुल्तानगंज से जल भर कर कांवरियों का जत्था लगातार मुंगेर जिले के करमाय में प्रवेश कर रहे हैं। सभी बोल-बम, बोल-बम, हर-हर महादेव की जयकारे लगा रहे हैं। पूरा वातावरण शिवमय हो चला है। कांवरियों के जत्थे में पुरुष, महिलाएं, बच्चे बुजुर्ग भी चल रहे हैं। हर सभी की जुबां पर सिर्फ और सिर्फ बोल बम। सुल्तानगंज से कमराय तक की लगभग सात किलोमीटर की दूरी तय कर कई कांवरियां पास में पथ पर बने शिविर के पास आराम कर रहे हैं, पैरों में पीड़ा से परेशान हैं। चेहरे पर दर्द का कोई गम नहीं है। दर्द के बाद भी जत्थे के बीच से बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा गूंजता रहा। सभी भक्ति और उत्साह से लवरेज हैं। कांवरियों का दूसरा जत्था भी बाबा धाम के नाम लेकर बढ़ रहे हैं। कांवर में लगी घंटियों की गूंज के बीच केसरिया जत्था के उत्साह को देखकर ऐसा लगा रहा था जैसे बाबा की नगरी सौ नहीं बस दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। –

————————— चलूं न दस बजे तक खींचव, फिर अराम करव शुक्रवार की रात रिमझिम वर्षा के बीच कच्ची कांवरियां पथ का बालू ठंडक दे रहा था। सात बजे के बाद धूप निकलते ही बालू गर्म होने लगा। धूप के बीच कांवरियां के चेहरे पर पसीना दिखा। हाजीपुर के दो कांवरिया रघवीर साह व यदुनंद झा अपनी परेशानी को साझा करते हुए कहते है कि धूप भई गेलए अब परेशानी बुझायत है, तब रघुवीर साह करते है कि कोनू बात नै छै चलूं न दस बजे तक खींचव, फिनू कहूं सुस्तावल जायत। यह कहते हुए दोनों बोल बम का नारा लगाते हुए उत्साह के साथ आगे बढ़ गए

। —————- बालू गर्म बढ़ते ही कम हो गई भीड़

साढ़े आठ बजे तारापुर धोबई चक मोड़ पर कांवरियों की भीड़ कम रही। सूर्य की किरणों से कांवरिया को कांवरिया पथ के बालू पर चलने में असहज महसूस कर रहे थे। कुछ आगे बढ़े तो कई कांवर को स्टैंड पर रख जलपान की दुकान की ओर बढ़ गए। इस तरह ताप बढ्ते ही कांवरियां पथ की भीड़ थोड़ी कम होने लगी। सिवान के कांवरियों ने कहा कि इस बार सरकार की ओर से व्यवस्था बेहतर की गई है। बालू गर्म होने से चलने में परेशानी होती है। ——————- जल लेकर दंडवत चल पड़े सुखनंदन समस्तीपुर जिले के चकसहौली गांव के सुखंनद प्रसाद दंडवत जल लेकर बाबा धाम की ओर चले जा रहे है। सुखनंद प्रसाद कहते है बाबा ने मनोकामना पूरी की। दो वर्षो से दंडवत जल लेकर बाबा धाम जाने की तैयारी थी लेकिन कोविड के कारण नहीं जा पाए। इस बार बाबा ने डोरी लगा दी तो उन्हें जल अर्पण करने जा रहे है। —

—————- पांच रुपये में झरना का मजा रात हुई वर्षा के के बाद कच्ची कांवरिया पथ शनिवार की सुबह कांवरिया के लिए थोड़ा सहज था। ताप से राहत के लिए पथ पर पांच रूपए भुगतान कर झरना का मजा लेने की सहुलियत थी। सरकारी स्तर पर भी नि:शुल्क झरना था। शौचालय व स्नागार उपलब्ध थे। —

————————– साहब आए थे तो पानी खूब पटाया गया श्रावणी मेले के तीसरे दिन कच्ची कावंरिया पथ के बालू तप रहे थे। कमराय के पास एक स्थानीय दुकानदार से पूछे जाने पर कहते है जिस दिन मेला का उद्घाटन था और साहब आने वाले थे उस दिन कावरियां पथ पर खूब पानी पटाया गया। उसके बाद एक भी दिन पानी का टैंकर इधर देखने को नहीं मिला। ——————— सजा धर्म का बाजार कच्ची कांवरिया पथ पर कई देवी देवाताओं के मंदिर प्रांगन में धर्म का बाजार लगा है। यहां लगे लाउडस्पीकर पर धार्मिक गानों के साथ भक्त व श्रद्धालओं को दान पुण्य करने की उद्घोषणा हो रही थी। धार्मिक उद्घोषणा के बीच कांवरियां श्रद्धालु भी रुपये-पैसे दान देकर बाबाधाम की ओर लगातार बढ़ते जा रहे थे

Kunal Gupta
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