Monday, November 25, 2024
Patna

Sawan Somwar;पहला सोमवार और नाग पंचमी… दुर्लभ संयोग,आम और कटहल से सजा बाजार..

Sawan Somwar..भागलपुर : सावन 2022 का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। इधर नाग पंचमी का त्योहार भी इसी दिन है। सावन की पहली सोमवारी को नाग पंचमी के सुखद दुर्लभ संयोग को लेकर लोगों के बीच खासा उत्साह है। नाग पंचमी पर्व को लेकर बाजार आम और कटहल से पट गया है। रविवार की देर शाम तक बाजार में आम और कटहल सहित अन्य सामग्रियों की खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती रही।

नाग पंचमी के मौके पर पूड़ी पकवान और खीर के साथ आम कटहल खाने का रिवाज है। लिहाजा दूध की भी डिमांड बढ़ गई है। यहां बताना लाजिमी है कि इस मौके पर नाग देवता की आराधना की जाती है। घरों के द्वार पर गोबर से नाग देवता की आकृति उकेरी जाती है। इसके पश्चात विधान पूर्वक नीम के डंठल लटकाए जाते हैं। पुराने लोग तो उक्त तिथि को नीचे ही नीम के डंठल से ही दातुन करते हैं। तदुपरांत दूध-लावा चढ़ाने के साथ घरों मे भी धान का लावा छिड़कने की परंपरा रही है।

‘नागदेवता की पूजा करने से महिलाओं को पुत्र की प्राप्ति होती है। यह तिथि लक्ष्मीप्रदा तिथि होती है। भारत की सांस्कृतिक परंपरा में विविधताएं हैं, देश के अन्य भागों में नागपंचमी का त्यौहार श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। बिहार में खासकर मैथिल समाज व इससे जुड़े लोग के अलावा मगध में श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी को ही नागपंचमी का पूजन होता है। इसे मौना पंचमी भी कहा जाता है। इसी दिन से मधुश्रावणी व्रत पूजन आरंभ होता है, जिसमें विशेष रुप से नाग-नागिन भगवन शिव व माता गौरी की पूजा होती है। मूल सार यह कहा जा सकता है कि पंचमी के देवता नागराज है। इस तिथि में नागदेवता की पूजा होती है। मैथिल में सावन कृष्ण पक्ष पंचमी को ही महत्व दिया गया है।’- आचार्य शुभम

सावन के पांचवें दिन नाग पंचमी

वैसे तो नाग पंचमी का त्योहार सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है और इस बार पंचमी तिथि 2 अगस्त को है। लेकिन बिहार के कई हिस्सों में सावन के पाचवें दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाने की परंपरा है। 14 जुलाई से शुरू हुए सावन के पांचवें दिन 18 जुलाई को नाग पंचमी मनाने के पीछे का कारण भी तथ्यात्मक है।

बारिश-बाढ़ और धान रोपनी से है सीधा संबंध

ऐसा कहा जाता है कि सावन के समय भगवान शिव के प्रिय नाग देवता उनके दर्शन के लिए शिवालयों का रुख करते हैं। दूसरी तरफ, बारिश भी जोरों से होती है। लिहाजा, सांप अपने बिल को छोड़ने को विवश होते हैं। सावन के पांचवें दिन मनाए जाने वाले इस त्योहार को पर लोग पूजा-अर्चना करते हैं। महिलाएं नाग पंचमी के दिन घर की सुबह से ही नहा धोकर नाग देवता की पूजा अर्चना के लिए जुट जाती है। वे नाग देवता की पूजा के दौरान आग्रह करती है कि घर के पुरुष धान रोपनी के लिए खेत बघार में जा रहे हैं। उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नाग देवता नहीं पहुंचाएंगे।

नाग देवता को खुश करने के लिए नाग देवता की पूजा अर्चना के बाद सबसे प्रिय भोजन धान का लावा और दूध का भोग लगाया जाता है। बचे हुए लावा को घर के चारों तरफ फैला दिया जाता है। मान्यता है कि गांव के बधार में पानी भर जाने के कारण नाग देवता ऊंचे स्थान की खोज में गांव की तरफ आ जाते हैं। घरों में नाग देवता प्रवेश नहीं करें और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाये इसलिए उनका भोजन लावा घर के चारों तरफ बिखेर दिया जाता है। बता दें कि प्रखंड क्षेत्र में धान रोपनी तो आषाढ़ महीना के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाती है । लेकिन मान्यता अनुसार कुछ जगह नाग पंचमी की पूजा अर्चना बाद ही धान की रोपनी शुरू होती है।

यहां ये भी बता दें कि बिहार में सर्पदंश के मामले हर महीने सामने आते हैं। बारिश और बाढ़ के दिनों में इन मामलों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
लखीसराय में नाग पंचमी का त्योहार

लखीसराय प्रखंड के बभनगामा गांव स्थित शेषनाग मंदिर में धूमधाम से मनाई जाएगी नागपंचमी
हिंदुओं का महत्वपूर्ण नागपंचमी पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। पर्व को लेकर ग्रामीण अंचलों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। रविवार को जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजारों में दिनभर भीड़ लगी रही। लोगों ने परंपरा के तहत कटहल एवं आम की खूब खरीदारी की। पर्व को लेकर आम 60 रुपये से 100 किलो तक बिका। सावन की पहली सोमवारी को लेकर केला, अमरूद आदि फलों की कीमतों में काफी तेजी देखी गई। नागपंचमी को लेकर स्थानीय पुरानी बाजार में चितरंजन रोड स्थित विषहरी मंदिर, दैनिक जागरण कार्यालय के समीप विषहरी मंदिर में नागपंचमी पूजा की विशेष तैयारी की गई है।

लखीसराय प्रखंड के बभनगांवा गांव स्थित पौराणिक शेषनाग मंदिर में रविवार को ही नागपंचमी पूजा का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंदिर में परंपरागत तरीके से पुजारी शंभु पांडेय ने विशेष पूजा-अर्चना की। इस मौके पर मेला का भी आयोजन किया गया। नागपंचमी पर बभनगांवा गांव स्थित शेषनाग मंदिर में होने वाले विशेष पूजा को देखने के लिए दूरदराज से काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। सोमवार को अभयपुर, कटेहर, खावा सहित अन्य गांव में स्थित विषहरी मंदिर में पूजा और मेला का आयोजन होगा।

जिला मुख्यालय स्थित विद्यापीठ चौक, नया बाजार, पचना रोड, किऊल रेलवे पुल के नजदीक मुख्य सड़क किनारे कटहल, आम की दर्जनों अस्थायी दुकानों पर लोगों ने खरीदारी की। खुदरा बाजार में कटहल 20 रुपये प्रति किलो, केला 30 से 50 रुपये दर्जन की बिक्री हुई। प्रखंड के बाजारों में भी खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ लगी रही।सोर्स-जागरण

Kunal Gupta
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