Saturday, September 21, 2024
Patna

सोई रही bihar पुलिस,इस परिवार ने अपनी लाडो समेत चार बच्चियों को बिकने से बचाया,गिरोह का भी किया पर्दाफाश..

पटना : बीच शहर रीजेंट सिनेमा हाल के पीछे स्थित घर से अपहृत तीन साल की मासूम का पुलिस पता नहीं लगा सकी, पर स्वजनों ने उसे स्वयं खोज निकाला। इसके साथ ही राजधानी में बच्चियों को अगवा करने वाले रैकेट का भी पर्दाफाश हुआ है। 16 दिन बीतने को थे, पर अपहृत का कुछ पता नहीं चल पाया था। बच्ची की सकुशल बरामदगी के लिए धरना-प्रदर्शन भी किया गया। परिवार वाले उसे ढूंढ रहे थे कि शुक्रवार को उसके बारे में जानकारी मिली। उसे लालजी टोला रोड से देह व्यापार के एक अड्डे से बरामद किया गया।

स्वजनों ने पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पीरबहोर थाना की पुलिस वहां पहुंची और संचालिका रेखा देवी को गिरफ्तार कर लिया। उसने वह गुलाबी साड़ी भी बरामद की, जिसमें वह यही पहनकर सीसीटीवी फुटेज में बच्ची को ले जाती दिखी थी। मौके से दो अन्य महिलाओं को भी हिरासत में लेते हुए चार और बच्चियों को मुक्त कराया गया है। टाउन डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार की गई रेखा देवी भगवानगंज इलाके की रहने वाली है। अब तक की जांच में पाया गया है कि बच्ची को अनैतिक कार्य के अड्डे पर बेचने के इरादे से अगवा किया गया था।

22 जून को हुआ था अपहरण

चार साल की बच्ची 22 जून की दोपहर करीब डेढ़ बजे अपने घर के बाहर किराएदार के 12 वर्षीय बेटे के साथ खेल रही थी। इसके बाद वह लापता हो गई। पीरबहोर थाने की पुलिस ने अपहरण का मामला तब दर्ज किया, जब स्वजन सिनेमा हाल में लगे सीसीटीवी का फुटेज लेकर पहुंचे। उसमें वह बच्चा उसका हाथ पकड़कर सड़क की तरफ लेकर जाता दिखा था। पूछताछ में उसने बताया था कि उसे एक महिला ने 500 रुपये देकर उसे पटना जंक्शन के पास भीख मांगने वाली वृद्ध महिला रुक्मिणी के पास पहुंचाने को कहा था। इसके बाद पुलिस ने रुक्मिणी  को गिरफ्तार किया। उसने बताया कि एक महिला ने उसे भी पांच सौ रुपये देकर कुछ देर के लिए बच्ची को साथ रखने के लिए कहा था। महिला ने बच्ची को बिस्कुट खिलाया था, जिसके बाद वह बेहोश हो गई थी। रात में महिला वापस आई और बच्ची को साथ लेकर चली गई।

फुटेज में दिखी थी महिला

पुलिस ने जब पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 का सीसीटीवी फुटेज निकाला तो गुलाबी साड़ी पहनी वही महिला बच्ची को गोद में लेकर जाती दिखी। वह बेहोश थी, इसलिए कोई हलचल नहीं कर रही थी। उसके चाचा आसिफ अहमद का आरोप है कि संदिग्ध महिला की तस्वीर मिलने के बावजूद पुलिस ने बच्ची की तलाश का कोई प्रयास नहीं किया।

ऐसे ढूंढा बच्ची को

इस कार्य में जाप नेता उत्कर्ष समेत अन्य सामाजिक कार्यकर्ता सहायता को आगे आए। स्वजन उनके साथ रोज पटना जंक्शन के समीप जाते और वहां पांच-पांच सौ रुपये देकर पूछताछ करते। यहां देह व्यापार के धंधे में संलिप्त दलाल मंडराते रहते हैं। बच्ची को ढूंढ रहे लोगों ने यह प्रलोभन भी दिया कि जो भी जानकारी देगा उसे पचास हजार रुपये देंगे।

लालजी टोला में कैद थी बच्ची

आसिफ ने बताया कि शुक्रवार की सुबह आठ बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से सात-आठ बार काल आया। काल बैक करने पर एक व्यक्ति ने पहचान छुपाए रखने की शर्त पर बताया कि बच्ची लालजी टोला में रेलवे लाइन के पास एक मकान की पहली मंजिल स्थित कमरे में है। मकान मालिक यहां नहीं रहते हैं, किराए पर दे रखा है।

ग्राहक बनकर लगाया पता

फोन करने वाला वहां ग्राहक बनकर पहुंचा था, जहां बच्ची दिखी। उसने वाट्सएप पर उसकी तस्वीर भी भेजी, जिससे घर वालों को विश्वास हो गया। इसके बाद उत्कर्ष समेत एक दर्जन सामाजिक कार्यकर्ता आसिफ के साथ उस मकान के बाहर पहुंच गए। फिर अपहरण कांड के जांचकर्ता सब इंस्पेक्टर अमित कुमार को सूचना दी। उनके पहुंचने से पहले ही वे लोग घर में घुस गए थे। शोरगुल होने पर मोहल्ले के लोगों की भीड़ जमा हो गई। दारोगा ने वहां पहुंचने के बाद पीरबहोर थाने से महिला बल भेजने को कहा।

आरोपितों को किया गया गिरफ्तार

उत्कर्ष ने बताया कि करीब आधे घंटे बाद महिला पुलिस पहुंची। इस बीच भीड़ में उन महिलाओं को घेरे रखना मुश्किल हो रहा था। वहां से दो महिलाओं को मुक्त कराया गया। एक उसी इलाके में रहकर तेल मालिश करने का काम करती है। दूसरी महिला विक्षिप्त थी। उसके दो बच्चे भी वहीं थे। उसे दोनों बच्चों के साथ छोड़ दिया गया। रेखा के अलावा दो अन्य महिलाओं को हिरासत में लिया गया है, जो देह व्यापार में संलिप्त बताई जा रही है।

बच्ची को दी गई थी प्रताड़ना

आसिफ ने बताया कि बच्ची को प्रताड़ना दी गई थी। उसके चेहरे और शरीर पर खरोंच व पिटाई के निशान थे। वह उन्हें भी नहीं पहचान पा रही थी। पिटाई की वजह से उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। आसिफ ने जब बार-बार कहा कि बेटा पहचानो, मैं बड़े पापा। तब कुछ देर बाद वह रोते हुए लिपट गई। उसके अलावा चार बच्चियों को वहां से मुक्त कराया गया है। उनके स्वजनों की पहचान की जा रही है।

Kunal Gupta
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