बिहार की बेटी आर्या की किताब बनी देशभर में उद्यमिता के लिए मॉडल,15 राज्यों में शोध के बाद यह पुस्तक हुई पूरी..
Bihar:ग्रामीण उद्यमिता पर बिहार के मुजफ्फरपुर की बेटी आर्या की किताब देश भर के लिए मॉडल बन गई है। आर्या और पश्चिम बंगाल की मोयेत्री की पुस्तक “फील्ड फैसिलिटेटर गाइड फॉर SVEP” के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय काम करेगा। (marketing)
महिला और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने, रुकावटें दूरकर हल निकालने में यह किताब राह दिखाती है। 15 राज्यों में शोध के बाद डेढ़ साल में आर्या की यह यह पुस्तक पूरी हुई है। ग्रामीण विकास विभाग ने इसे लॉन्च किया है। मंत्रालय इसमें सुझाए तरीकों के आधार पर योजना बनाने की पहल करेगा।
उद्यमियों को राह दिखाती पुस्तक
कलमबाग चौक निवासी स्वर्गीय राजेश कुमार वर्मा और निशी वर्मा की बेटी आर्या बताती हैं कि नेशनल रिसोर्स ऑर्गेनाइजेशन कुटुम्ब श्री के साथ मिलकर हमने इस पर काम शुरू किया। अलग-अलग राज्यों में ग्रामीण उद्यमिता को लेकर एक ही तरह की चुनौती है। खासकर महिलाएं जो पहली बार किसी तरह के उद्यम से जुड़ रही हैं। हमने इसी पर फोकस किया है। जो रूकावटें हैं उन्हें दिखाते हुए, उसे दूर कैसे किया जा सकता है, यह इन महिलाओं की कहानी के जरिए ही दिखाया गया है। कहां -कहां से मदद मिल सकती है, ये सारी चीजें इस किताब में है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी चरणजीत सिंह ने इस किताब को ग्रामीण उद्यमिता को नई दिशा देने वाला बताया है।
गया के बाराचट्टी प्रखंड में अधिकतर लोगों के लिए दूसरे शहर जाकर दिहाड़ी करना या फिर अपने खेत में काम करना ही रोजगार था। अपना उद्यम शुरू करना है, यह सोच अगर आती भी तो सभी एक ही तरह के काम में लग जाते। रानी नाम की महिला ने इस सोच में बड़ा बदलाव ला दिया है।
रानी के पति कोविड की वजह से वापस आए तो कोई काम नहीं था। ऐसे में उस महिला ने एक दुकान खोली जहां दिन में शृंगार और किराने का सामान मिलता और शाम में चाय-पकौड़ी बनाती। रानी ने इस काम को शुरू करने से पहले एक पूरा प्लान बनाया। कितनी पूंजी लगेगी, कितना कैपिटल बना कर रखना है। कैसे ग्राहकों से बात करनी है। दुकान चलने लगी तो पति भी बाहर नहीं जाकर उसी में सहयोग करने लगे।
इसी तरह राजस्थान में तारानगर ब्लॉक में हिमानी ने उद्यम शुरू करने की जब सोची तो पहले हुनर को पहचान उसे ट्रेनिंग दी गई। आज चूड़ी के सबसे बड़े निर्माता के रूप में उसकी पहचान है। अलग-अलग राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता के विकास और उनकी रूकावटों से लेकर उसके समाधान की राह दिखाती ऐसी कितनी ही कहानियों के साथ जिले की बेटी की किताब फील्ड फैसिलेटर गाइड आज पूरे देश के लिए मॉडल बन गई है।
ग्रामीण उद्यमिता में ये हैं तीन मुख्य रुकावटें जिन्हें दूर करने का उपाय बताती है आर्या
● एक ही तरह की चीजें या काम को करना, ऐसे में उद्यम नहीं चलता और फ्लॉप हो जाता है
● प्रतियोगिता के बीच मार्केटिंग, कॉस्ट की चुनौती
● आइडिया के बाद फाइनेंस कैसे लाएं
● पुस्तक ‘फील्ड फैसिलेटर गाइड’ के अनुसार कार्य करेगा ग्रामीण विकास मंत्रालय
● महिला और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने, रुकावटें, हल आदि पर राह दिखाती है किताब
● 15 राज्यों में शोध के बाद डेढ़ साल में पूरी हुई पुस्तक, ग्रामीण विकास विभाग ने किया लॉन्च
These are the three main barriers in rural entrepreneurship, which Arya tells the way to overcome
Doing the same type of things or work, in this case the enterprise does not work and flops
Challenge of marketing, cost amidst competition
How to get finance after idea
Ministry of Rural Development will work according to the book ‘Field Facilitator Guide’
Book shows the way on promotion of women and rural entrepreneurship, roadblocks, solutions etc.
After research in 15 states, the book was completed in one and a half year, the Department of Rural Development launched