CRPF के ज्वाइनिंग लेटर मिलते ही युवक को पकड़कर आनन-फानन में करा दिया पकड़ौआ विवाह ।
मरेंद्र कांत, सहरसा : पकड़ौआ विवाह (जबरिया जोड़ी) की प्रथा वर्षों पहले परवान पर थी, जिसके बाद इसपर लगाम लगता चला गया। बावजूद कोसी के इलाके में फिर से पकड़ौआ विवाह की परिपाटी शुरू हो गई है। युवक को पकड़कर आनन-फानन में जबरन शादी करा दी जाती है। पुलिस के एक्शन में आते ही दोनों पक्ष में तालमेल होने लगता है और अधिकांश मामलों में सुलह हो जाती है।
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सीआरपीएफ का नियुक्ति पत्र मिलते ही पकड़ौआ विवाह
सदर थाना क्षेत्र के दिधिया गांव के राजेश नामक युवक के अपहरण की शिकायत पुलिस को मिली। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। दो दिन में युवक का पता चल गया और पुलिस उसे बरामद कर ली। पता चला कि युवक की पकड़कर शादी करा दी गई। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि किसी लड़की पक्ष के लोगों से युवक के शादी की बात हो रही थी। इसी बीच युवक को सीआरपीएफ में नौकरी का नियुक्ति पत्र मिल गया तो लड़के पक्ष के लोगों की डिमांड बढ़ गई। इसके बाद युवक का अपहरण कर शादी करा दी गई। मामला पुलिस के पास आने के बाद दोनों पक्ष ने तालमेल हो जाने की बात कही। वर्तमान में लड़का-लड़की एकसाथ रह रहे हैं।
एक और मामला
बख्तियारपुर थाना के रंगीनिया पेट्रोल पंप के पास से रामभजन कुमार नामक युवक का अपहरण कर लिया गया। अपहरण की शिकायत थाना में युवक के रिश्तेदारों ने की। सूचना मिलते ही एक्शन में आई पुलिस ने युवक की खोजबीन शुरू कर दी। इसी बीच इंटरनेट मीडिया पर युवक के शादी की तस्वीर वायरल होने लगी जिसके बाद दोनों पक्ष में सहमति बनाने का दौर शुरू हो गया।
मधेपुरा में भी जबरिया जोड़ी
मधेपुरा जिला में कुछ माह पहले युवक विमलेश का अपहरण कर शादी करा दी गई। शिकायत मिलने पर पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया तो यह सामने आया कि लड़का को पकड़कर शादी करा दी गई। शादी के बाद दोनों पक्ष में कुछ दिनों तक अनबन बना रहा, लेकिन कुछ दिनों के बाद मामला ठंडा पड़ गया
डीएसपी मुख्यालय के बीएम महतो कहते हैं कि कोट ऐसे मामलों में शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई की जाती है। जांच के दौरान शादी होने और दोनों पक्षों में सुलह होने के कारण मामला स्थिर हो जाता है। सोर्स-जागरण।
क्या होता है पकड़ौआ विवाह?
पकड़ौआ विवाह में शादी योग्य लड़के का अपहरण करके उसकी जबरन शादी कराई जाती है। समाजशास्त्री डा. विनय कुमार चौधरी कहते हैं कि इसके पीछे जागरूकता की कमी है। धन-संपदा, नौकरी के लालच में आकर पकड़ौआ शादी लड़की पक्ष के लोग तो करा देते है। सुलह होने के बाद भी अधिकांश मामलों में लड़की पक्ष को ताउम्र यह ताना सुनना पड़ता है। इस मामले पर 2019 में जबरिया जोड़ी नाम से एक फिल्म रिलीज हो चुकी है। इसके अलावा एक टीवी चैनल पर भाग्य विधाता नाम से एक सीरियल भी प्रसारित हो चुकी है। इन दोनों में ही काफी हद तक पकड़ौआ विवाह की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है।