Friday, November 22, 2024
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Abortion Rights:अमेरिका में महिलाओं से छिना गर्भपात का अधिकार, कोर्ट ने 50 साल पुराना फैसला पलटा ।

Abortion Rights IN US .वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले 50 साल पुराने फैसले को पलट दिया है। इसके साथ ही अमेरिका में गर्भपात का संवैधानिक संरक्षण खत्म हो गया है। अब अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने-अपने अलग नियम बनाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ ने 5-4 के बहुमत से रो बनाम वेड के फैसले को पलट दिया, जिसमें गर्भपात को संवैधानिक अधिकार दिया गया था। वहीं, पीठ ने छह-तीन के बहुमत के साथ अपने फैसले में रिपब्लिकन समर्थित मिसिसिप्पी राज्य के कानून को बरकरार रखा है, जिसमें 15 हफ्ते के बाद गर्भपात पर पाबंदी लगाई गई है। बहुमत से लिए गए फैसले को सुनाते हुए न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो ने कहा कि संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है।

अब राज्य अपने-अपने हिसाब से बना सकेंगे कानून

गर्भपात को लेकर कानून बनाने का अधिकार लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस कर दिया गया है। इस फैसले के बाद अब राज्य अपने हिसाब से अलग-अलग कानून बना सकेंगे। सामाजिक और राजनीतिक रूप से बंटे राज्यों में गर्भपात को लेकर अलग-अलग राय है।

1973 का फैसला क्या था?

अमेरिका में 1973 में रो बनाम वेड के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को संवैधानिक अधिकार का दर्जा दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने में एक महिला और उसके डाक्टर को यह फैसला करने का अधिकार है कि उसे क्या करना है। 1992 में भी सुप्रीम कोर्ट ने पेंसिल्वानियां बनाम कैसी मामले में गर्भपात के अधिकार को बरकरार रखा था

क्या था रो बना वेड मामला?

जेन रो उर्फ नोरमा मैककोरवे 22 साल की अविवाहित और बेरोजगार महिला थी, जो 1969 में तीसरी बार गर्भवती हुई थी। टेक्सास में गर्भपात पर रोक के कारण उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। गर्भपात को लेकर उसके पक्ष में जब तक फैसला आया था, तब तक उसने एक बच्ची को जन्म दे दिया था। हेनरी वेड टेक्सास के डलास काउंटी में सरकारी वकील थे, जिन्होंने गर्भपात के अधिकार का विरोध किया था। इसी के चलते इस मामले को रो बनाम वेड के नाम से जाना जाता है।

अदालत और देश के लिए दुखद दिन : बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फैसले को ‘अदालत और देश के लिए दुखद दिन’ बताया है। उन्होंने यह फैसला देश को डेढ़ सौ साल पीछे ले जाएगा। उन्होंने महिलाओं के अधिकार की रक्षा के लिए जो कुछ भी हो सकेगा करने का संकल्प लिया।

रिपब्लिकन पार्टी ने अपना चरम लक्ष्य हासिल किया : पेलोसी

अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की डेमोक्रेटिक स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा, ‘रिपब्लिकन नियंत्रित सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने के अधिकार छीनने के ग्रांड ओल्ड पार्टी (रिपब्लिकन पार्टी) के भयावह और चरम लक्ष्य को हासिल कर लिया है।’

कनाडा ने भी फैसले की आलोचना की

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भयावह करार देते हुए उसकी आलोचना की। ट्रूडो ने कहा कि उनकी महिलाओं के प्रति सहानुभूति है जिन्हें गर्भपात के अपने अधिकार से वंचित होना होगा।

स्टैच्यू आफ लिबर्टी की आंखों से आंसू निकल आए होंगे : चिबंदरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने गर्भपात पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि जब एक राष्ट्र निराशाजनक रूप से विभाजित हो जाता है, तो गैर-निर्वाचित न्यायाधीश अपनी पूर्वाग्रही राय लोगों पर थोप कर भाग सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से स्टैच्यू आफ लिबर्टी की आंखों से आंसू निकल गए होंगे। सोर्स-जागरण ।

Kunal Gupta
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