Agnipath scheme Protest: अग्निपथ स्कीम पर भड़के प्रदर्शनकारी, बिहार में रेल में लगाई आग, बुकिंग ऑफिस तोड़ डाला ।
Agnipath scheme protest Bihar: सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम पर बवाल बढ़ता ही जा रहा है. फिलहाल बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान से विरोध की खबरें आ रही हैं. बिहार में सबसे ज्यादा उग्र प्रदर्शन हो रहा है. वहां एक जगह ट्रेन में आग लगा दी गई. वहीं कई जगहों पर आगजनी करके ट्रेन मार्ग-सड़क मार्ग को रोक दिया गया.
इस बीच बिहार के छपरा में एक ट्रेन में भी आग लगा दी गई. इसके कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं, जिसमें स्टेशन पर खड़ी ट्रेन जलती दिख रही है.
इसके साथ ही बिहार के कैमूर जिले में विरोध की आग बढ़ती जा रही है. यहां भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में सेना की तैयारी करने वाले छात्रों ने बवाल काटा. यहां भभुआ पटना इंटरसिटी ट्रेन के अंदर भी आग लगा दी गई. इस ट्रेन की सीट जल गई थी.
सहरसा में ट्रेनें रोकी गईं
अग्निपथ स्कीम के विरोध में छात्रों का विरोध प्रदर्शन सहरसा में भी जारी है. सुबह से उग्र छात्रों का हुजूम सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है. उग्र छात्रों ने सहरसा रेलवे स्टेशन के पास सहरसा-मानसी रेल लाइन को पूरी तरह बाधित कर दिया है. सभी छात्र रेल ट्रैक पर खड़े होकर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. जिससे सहरसा से खुलने वाली सहरसा-नई दिल्ली सुपरस्टार वैशाली एक्सप्रेस, सहरसा – पटना राज्यरानी सुपरस्टार एक्सप्रेस, सहरसा से नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस घण्टों स्टेशन पर खड़ी है.
सेना बहाली को लेकर कटिहार में युवाओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया. आक्रोशित अभ्यर्थी सड़क पर ही अभ्यास करते दिखे. इस दौरान सड़क पर आगजनी की गई और कटिहार-पूर्णिया सड़क मार्ग को जाम कर दिया गया.
दूसरी ट्रेन विभिन्न स्टेशन पर खड़ी है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि जबतक उनकी मांगे पूरी होगी यह आंदोलन जारी रहेगा. वहीं आरा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया. यहां प्लेटफॉर्म नंबर चार के बुकिंग ऑफिस को तोड़ दिया गया. वहां हर तरफ कांच के टुकड़े बिखरे दिखे. यहां रेलवे की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया.
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि वहां प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की और तोड़फोड़ की. यहां कुछ बाइकों, स्टॉल को ट्रैक पर फेंककर आग लगा दी गई है.
चार साल बाद कहां जाएंगे?
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए.
जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं.