समस्तीपुर:चक्रासन में 60 सेकेंड तक 140.6 किलो वजन पेट पर रख प्रिस ने बनाया रिकार्ड ।
समस्तीपुर। राम निरीक्षण आत्मा राम महाविद्यालय स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र प्रिस कुमार ने चक्रासन में कुल 140.6 किलोग्राम वजन को 60 सेकेंड तक पेट पर रख अपना नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कर लिया है। उसने यह रिकार्ड 19 वर्ष छह माह की उम्र में बनाया है। इसमें प्रिस ने दो व्यक्ति का 60.20 किलोग्राम व 54.85 किलोग्राम वजन के अतिरिक्त 25.55 किलोग्राम वजन अपने पेट पर एक मिनट तक रखा। प्रिस को एशिया बुक आफ रिकार्ड की ओर से मात्र एक मिनट में दो युवक का वजन और अतिरिक्त वजन रखने के लिए मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इसके पूर्व प्रिस ने 60 सेकेंड तक चक्रासन में 118.15 किलो का वजन पेट पर रखकर रिकार्ड बनाते हुए इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। सोमवार को उसे इस आशय का प्रमाण पत्र दिल्ली में मिला।
प्रिस ने तोड़ा अपना ही रिकार्ड प्रिस ने अपना ही इंडिया लेवल का रिकॉर्ड तोड़कर एशिया लेवल पर पहली बार रिकॉर्ड बनाया है। इससे पूर्व इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। इसमें उसने उड़ीसा के सौम्य रंजन का रिकॉर्ड तोड़ा था। सौम्या रंजन चक्रासन की स्थिति में अपने शरीर पर 23 किलोग्राम वजन रखने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाया था। 30 किलोग्राम का वजन एक मिनट और 39 सेकेंड की सबसे लंबी अवधि तक रखा था। इसका प्रिस ने सबसे अधिक वजन 118.15 किलोग्राम वजन रखकर नया रिकॉर्ड बनाया था। वह मूल रूप से खानपुर प्रखंड के गोटियाही गांव निवासी स्व. राजेश कुमार उर्फ बबलू का पुत्र है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की तमन्ना प्रिस ने बताया कि वह बचपन से योग व कराटे का अभ्यास करता आ रहा है। इसके बाद जिम्नास्टिक एंड पार्कर, वुशू, मिक्स मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया।
इंटर कॉलेज टूर्नामेंट में कराटे में कांस्य पदक और वूशु में सिल्वर मेडल लिया था। अब वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए अभ्यास कर रहा है। उसने बताया कि अगर युवा इसे अपने करियर के तौर पर चुने तो वो फिट रहने और लोगों को फिट रखने के साथ-साथ अपनी जिदगी में इसे अपनाकर सफल और उज्जवल करियर भी बना सकते है। खेल के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत दलसिंहसराय प्रखंड बंबईया गांव निवासी विजय चौधरी ने कहा कि खेल अब जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और इस क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन से करियर को एक नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है। खेल के प्रति हम सभी को नजरिया बदलने की जरूरत है। विभूतिपुर प्रखंड के सिघियाघाट निवासी आदर्श भारती ने छात्र की उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि प्रिस सिर्फ इस कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए ही नहीं बल्कि सूबे के लाखों छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है