केवल 15 मिनट में तय होगा दो से तीन घंटे का सफर, सात जून से पलक झपकते पहुंच सकेंगे पटना।
Patna News पटना सिटी। उत्तर बिहार को पटना से जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के पुनर्निर्माण का काम खत्म हो गया है। इस पुल की दोनों लेन को बारी-बारी से तोड़कर नई तकनीक के साथ दोबारा तैयार किया गया है। करीब डेढ़ साल पहले पुल की पश्चिमी लेन को चालू कर दिया गया था। अब सात जून को पूर्वी लेन भी चालू हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही पटना से वैशाली जाने में इस पुल का सफर दो से तीन घंटे की बजाय केवल 15 मिनट में पूरा होने लगेगा।
पुल के नवनिर्मित पूर्वी लेन पर सात जून को उद्घाटन होने के बाद वाहनों का परिचालन शुरू होते ही एक साथ कई समस्याओं का अंत हो जाएगा। सेतु के दोनों लेन से पटना और वैशाली के बीच सभी तरह के वाहनों की आवागमन शुरू होते ही जाम की समस्या का अंत हो जाएगा। सेतु पर हर समय तैनात रहने वाले आलमगंज थाना, जीरो माइल स्थित यातायात थाना और हाजीपुर स्थित गंगा थाना के पुलिसकर्मी वर्षों बाद मुक्त हो जाएंगे।
इन थानों के मूल काम की क्षमता और गुणवत्ता बढ़ जाएगी। खास बात यह भी है कि गांधी सेतु पर प्रतिबंधित मालवाहक वाहनों की आवाजाही दोनों लेन से शुरू होते ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 पर स्थित पटना-बख्तियारपुर टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में दस से पंद्रह प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसे लेकर टोल प्लाजा प्रबंधन काफी उत्साहित है। सभी को सात जून का इंतजार है।
टोल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, गांधी सेतु से भवन निर्माण सामग्री ढोने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही नहीं होने के कारण ऐसे वाहन टोल प्लाजा से पहले ही ङ्क्षरग रोड से आवाजाही कर रहे हैं। गांधी सेतु पर ऐसे वाहनों का परिचालन शुरू होते ही टोल प्लाजा से वाहनों का आवागमन बढ़ जाएगा। इसका लाभ राजस्व के रूप में मिलेगा। प्रबंधन ने बताया कि अभी 24 घंटे में टोल से 18 से 20 हजार वाहनों की आवाजाही होती है।