समस्तीपुर:उत्कृष्ट कार्य के लिए रेलवे बोर्ड स्तर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे लोको पायलट।
समस्तीपुर। रेलवे में ऑन ड्यूटी उत्कृष्ट कार्य करने के लिए समस्तीपुर रेल मंडल के लोको पायलट (यात्री) संजय कुमार गुप्ता को राष्ट्रीय रेल सप्ताह पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। रेलवे बोर्ड स्तर पर 67वां राष्ट्रीय रेल सप्ताह पुरस्कार समारोह में 28 मई को भुवनेश्वर रेल ऑडिटोरियम में पुरस्कृत किया जाएगा। समस्तीपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (परिचालन) आशुतोष झा ने लोको पायलट को इसकी जानकारी दी है। साथ ही निर्देशित किया है कि 27 मई की संध्या तक भुवनेश्वर एवं 28 मई को संध्या चार बजे रेल ऑडिटोरियम के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहचान पत्र के साथ समय से उपस्थित होकर पुरस्कार प्राप्त करना है। मुख्य क्रू नियंत्रक ने लोको पायलट को पुरस्कार प्राप्ति के लिए विरमित कर दिया।
लोको पायलट संजय कुमार गुप्ता ने सियालदह से जयनगर के लिए परिचालित होने वाली ट्रेन संख्या 13185 गंगा सागर एक्सप्रेस का परिचालन 27 नवंबर 2021 को कर रहे थे। परिचालन के दौरान समस्तीपुर-जयनगर रेलखंड के बीच तारसराय स्टेशन से रन थ्रू पास करने के बाद जब गाड़ी अधिकतम गति से चल रही थी तब शहीद सूरज नारायण सिंह हॉल्ट के पास किलोमीटर संख्या 15/09 के समीप अज्ञात व्यक्ति द्वारा लाल कपड़ा हिला कर कुछ इशारा किया जा रहा था। लोको पायलट ने अपनी सूझ-बूझ द्वारा बड़ी तत्परता के साथ इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को उस व्यक्ति से पांच मीटर पहले रोक दिया। इसके बाद ट्रैक को देखने से पता चला कि ट्रैक टूटा हुआ है। लोको पायलट ने तत्काल इसकी सूचना गार्ड व कंट्रोल को दी। इंजीनियरिंग विभाग के पीडब्लूआई द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए ट्रैक को ठीक कर दिया गया। इसके बाद 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से गाड़ी का सुरक्षित परिचालन किया गया।
रेल यात्रियों व संपत्ति को संभावित बड़े दुर्घटना से बचाया
लोको पायलट ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए बहुत ही चौकस एवं चौकन्ना रहकर रेल यात्रियों एवं रेल संपत्ति को संभावित बड़े दुर्घटना से बचाया। इनके सजगतापूर्वक कार्य की सराहना समस्तीपुर मंडल के शाखा अधिकारियों के द्वारा भी की गई थी। वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (परिचालन) ने कर्मी के पर्याप्त अनुभव, उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य को देखते हुए रेलवे बोर्ड स्तर पर 67वां रेल सप्ताह पुरस्कार 2022 पर पुरस्कृत करने की अनुशंसा की गई थी। जिस पर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा अग्रसारित किया गया था।