Success Story:पटना में हनुमान बचाते हैं मरीजों की जान,250 लोगों को रोजगार दे रहा दो साल पुराना यह स्टार्टअप।
नलिनी रंजन, पटना। बिहार की राजधानी पटना के युवा डा. नीरज झा ने दो लाख की पूंजी के साथ जुलाई 2020 में स्टार्टअप ‘हनुमान’ की नींव रखी थी। चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना (सीआइएमपी) इंक्यूबेशन सेंटर की मदद के साथ आज महज दो वर्षों में ही लगभग चार करोड़ तक टर्नओवर हो चुका है। आरंभ लगभग एक दर्जन युवा कर्मियों के साथ हुआ, वर्तमान में 50 स्थायी तथा 200 अस्थायी युवाओं को रोजगार दे रहे है। यह सभी चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न केंद्र बिंदुओं से जुड़े हैं। कोरोना काल के समय इनकी हनुमान एंबुलेंस सेवा काफी चर्चा में आयी। ये शहरी क्षेत्र में 15 मिनट तथा ग्रामीण इलाकों में आधा घंटे के भीतर एंबुलेंस सेवा मुहैया करा रहे हैं।
एक काल पर घर पहुंचते है नर्स व पारामेडिकल स्टाफ
किसी भी आपात स्थिति में एंबुलेंस या जरूरत के समय घर में मरीजों की देखभाल के लिए 24 घंटे इसके माध्यम से एंबुलेंस, नर्स व पारामेडिकल स्टाफ पहुंचते हैं। घर में बीमार पड़े मरीजों को सुई या दवा देेने के लिए आपात स्थिति में पारामेडिकल एंबुलेंस बस एक काल पर हाजिर होती है। डा. नीरज झा ने बताया कि बीमार मरीजों की उपचार सेवा सहित उनके घर पर ही देखभाल के लिए नर्सिंग सुविधा भी दी जाती है। इसके तहत घर पर ही ऐसे मरीजों के लिए आइसीयू की सुविधा मुहैया कराई जाती है। इसमें हमारे प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध रहते हैं, जबकि डाक्टर आनलाइन रूप में मरीजों को समय-समय पर देखते रहते हैं।
250 युवाओं को रोजगार के साथ एक काल पर चिकित्सा सुविधा
सीआइएमपी के इंक्यूबेशन सेंटर से मिल रही है तकनीकी सहायता
दो लाख से सफर किया आरंभ, चार वर्ष में चार करोड़ पहुंचा टर्नओवर
पहले पहुंचने से हो सकता है बेहतर इलाज
डा. नीरज झा ने बताया कि हैदराबाद से करियर आरंभ कर दिल्ली सहित कई शहरों में विभिन्न् अस्पतालों में अपनी सेवाएं दी। इस दौरान घटना-दुर्घटना में मरीजों के देर पहुंचने व डाक्टर के जल्द पहुंचने पर बेहतर करने की बात करने पर एंबुलेंस सेवा आरंभ करने का आइडिया आया। इसके बाद से अपने शहर से स्टार्टअप आरंभ किया। वर्तमान तक 60-70 हजार लोगों को एंबुलेंस सेवा व 20-25 हजार लोगों को होम हेल्थकेयर सेवा दे चुके हैं।