समस्तीपुर:बवाल के तीसरे दिन स्थिति शांतिपूर्ण,पूसा विश्वविद्यालय वीरान, कमेटी कर रही जांच ।
समस्तीपुर। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में शनिवार की रात्रि हुए बवाल के तीसरे दिन स्थिति शांतिपूर्ण एवं नियंत्रण में है। विवि पूरी तरह वीरान है। कार्यालय कार्य जारी है। शैक्षणिक कार्य पूरी तरह बंद है। छात्रावास खाली हो गए हैं। घटना को लेकर चार अल-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। विश्वविद्यालय अंतर्गत पूसा, मुजफ्फरपुर जिला स्थित तिरहुत कृषि महाविद्यालय ढोली, एवं मोतिहारी स्थित महाविद्यालय के सभी छात्र अपने-अपने घर जा चुके हैं। दूरदराज के छात्र जो बचे हैं वह भी संध्या में अपने घर चले गए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पीपी श्रीवास्तव ने कहा कि 21 दिनों का सैनडाई लगाया गया है। स्थिति को देखते हुए इसे बढ़ाया भी जा सकता है। इस अवधि में विश्वविद्यालय में पढ़ाई एवं अनुसंधान बंद रहेंगे। बता दें कि विश्वविद्यालय में कुल छात्रों की संख्या 2076 है। पूसा के छात्रावास में 1300, शेष छात्र तिरहुत कृषि महाविद्यालय ढोली एवं पिपरा कोठी में हैं। दो कमेटी करेगी पूरे मामले की जांच
कुलसचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्रों के द्वारा की गई तोड़फोड़ एवं उसकी शैक्षणिक गतिविधि की जानकारी के लिए विश्वविद्यालय के द्वारा दो कमेटी गठित की गई है। एक कमेटी शिक्षा के क्षेत्र की जांच करे। इसमें 6 लोगों को शामिल किया गया है। दूसरी कमेटी विश्वविद्यालय में हुए तोड़फोड़ के संबंध में जांच कर अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेंगी। शिक्षा कमेटी में कुलसचिव डा. पीपी श्रीवास्तव के नेतृत्व में विवि के तीन विभिन्न विभाग के डीन सहित एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट के निदेशक, एवं डीएसडब्ल्यू शामिल हैं। क्षति का आंकलन करने को बनी कमेटी नियंत्रक के नेतृत्व में कार्य करेगी। इसमें तीन अभियंता एवं एक भवन निर्माण निदेशक को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ में विश्वविद्यालय को करीब तीन करोड़ का नुकसान हुआ है। सर्वाधिक नुकसान अस्पताल को हुआ है। जिसे उच्च स्तर का बनाया गया था। आज यह उजाड़ लग रहा है।
टीम ने शुरू किया आंकलन
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ के बाद हुए नुकसान के आंकलन के लिए कुलपति द्वारा गठित टीम ने सोमवार से अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। टीम ने पूरे अस्पताल का भ्रमण किया। इसके अलावा नुकसान किये गए यंत्र एवं अन्य सामानों की जानकारी संबंधित पदाधिकारी से ली। कमेटी ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग एवं परिसर सहित कुलपति आवास पर हुए आगजनी एवं तोड़फोड़ का भी जायजा लिया। कमेटी के सदस्यों ने बताया कि पहले दिन निरीक्षण किया जा रहा है। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय द्वारा आधुनिक तकनीक से लैस अस्पताल बनाया गया था। आक्रोशित उपद्रवियों ने एंबुलेंस सहित अस्पताल के सभी डिजिटल एक्स-रे, अन्य मशीन, पंखे, टेबल कुर्सी सभी तोड़ दिए थे। कुलपति आवास पर कुलसचिव डॉ पी पी श्रीवास्तव की नई सफारी गाड़ी एवं अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर मयंक कुमार की गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया था। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित सुरक्षा गार्ड के रूम एवं लाइट को भी तोड़फोड़ की थी पूसा विश्वविद्यालय के अंदर की सड़कों पर अंधेरा
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों के द्वारा शनिवार को किये गए तोड़फोड़ के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा गार्ड की तैनाती कर दी है। पूरा परिसर आज वीरान लग रहा है। बाहर से आने जाने वाले लोग भी परिसर में आने से कतरा रहे हैं। हर जगह पुलिस की तैनाती है जो लाइटें संध्या होते ही अपनी रंग बिरंगी रोशनी से लोगों को लुभाती थी सब अंधकार में तब्दील हो गई है। आमलोगों की चर्चा में विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के साथ-साथ छात्रों की अनुशासनहीनता पर भी लोग टिप्पणी कर रहे हैं।
डिलवरी ब्याय के रूप में भी काम करता था अखिल
लोगों का कहना है कि मृतक छात्र अखिल साहू एक सामान्य परिवार से था। पढ़ाई के साथ-साथ वह विश्वविद्यालय परिसर स्थित मॉल के एक रेस्टोरेंट में डिलीवरी ब्याय के रूप में भी काम करता था। लोगों का यह भी कहना है कि विश्वविद्यालय के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर अस्पताल तो बना दिए गए लेकिन इसमें मात्र तीन चिकित्सक ही कार्यरत थे। छात्रों के द्वारा छात्र की दुर्घटना की जानकारी देने के लगभग आधे घंटे बाद एंबुलेंस को भेजा गया, क्योंकि एंबुलेंस का ड्राइवर अस्पताल में उस वक्त मौजूद नहीं था। वहीं ब्लड भी इस अस्पताल में मौजूद नहीं था। ताकि छात्र को ब्लड चढ़ाया जाता। लोगों का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद भी रात्रि के 10 बजे के बाद में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रा बाहर घूमते नजर आ रहे थे। इस बात को विश्वविद्यालय प्रशासन भी नजरअंदाज कर रहा था।