शहरवालों से समझदार निकला गली का एक कुत्ता, अपनी गलती पर पछता रहे लोग।
शेखपुरा। कुत्तों की आदमी से दोस्ती की कहानी बहुत पुरानी है। यह शायद सभ्यता के आरंभ काल से ही है। कुत्तेे इंसान के प्रति इतने वफादार होते हैं कि अपने साथ रहने वालों के लिए जान भी देने से नहीं चूकते। बिहार के शेखपुरा में एक देसी कुत्ते ने ऐसी मिसाल पेश की, जिसे जानकर आप भी सोचने को मजबूर हो सकते हैं। शेखपुरा के लोग गली के एक कुत्ते का इशारा नहीं समझ पाने पर अफसोस जता रहे हैं। यह वाकया शहर के जमालपुर में हुआ।
टोले के सामाजिक कार्यकर्ता रघुनंदन प्रसाद ने बताया कि बेजुबान कुत्ते का इशारा लोग समझ जाते तो शायद 40 वर्ष की महिला सुमा देवी की जान बच सकती थी। असल में रविवार की सुबह खेत से घास लाने गई सुमा देवी बिजली के करंट का शिकार हो गई। सुमा देवी के घर के आगे रहने वाले एक कुत्ते में महिला को करंट से छटपटाते देख जोर-जोर से भौंका, मगर लोगों ने इसे सामान्य बात मानकर अनसुना कर दिया।
जब यही कुत्ता वापस सुमा देवी के दरवाजे पर भौंकने लगा तो उसका 12 वर्षीय पुत्र कुत्ते के पीछे-पीछे गया। इसके बाद वह उस जगह पहुंचा, जहां उसकी मां सुमा खेत में मृत पड़ी हुई थीं। बाद में जब लोग मृतक का शव घर पर लाए तब भी यह कुत्ता शव के पास शोकाकुल अवस्था में काफी देर तक बैठा रहा। इस कुत्ते को सुमा देवी ही प्रतिदिन खाना देती थीं।
आंधी में गिरे तार से हुई मौत
शनिवार की देर रात आई आंधी में खेत में बिजली का तार गिर गया था। रविवार की सुबह सुमा देवी घास लाने खेत गई थीं। खेत में घास काटने के लिए सुमा ने जैसे ही हंसिया घास में लगाया हंसिया करंट प्रवाहित बिजली के तार में सट गया। सुमा देवी के घर के पास रहने वाला कुत्ता भी उनके पीछे-पीछा खेत चला गया। सुमा जब करंट से छटपटाने लगीं, तब यही कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा। इसकी आवाज मोहल्ले तक सुनाई पड़ी, मगर किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया।