कोईलवर में नये सिक्स लेन पुल के दूसरे लेन का हुआ उद्घाटन, आरा-पटना के बीच घंटे भर के अंदर तय होगी दूरी ।
पटना।शाहाबाद और पूर्वांचल समेत अन्य जिलों और राज्यों को बिहार की राजधानी पटना से जोड़नेवाला नया कोईलवर सिक्सलेन पुल बनकर तैयार हो गया है. आज इसका उद्घाटन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. उद्घाटन के दौरान स्थानीय सांसद और ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह कोईलवर में आयोजित उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे.
266 करोड़ की लागत से बना है डाउनस्ट्रीम पुल
कोईलवर के पुराने अब्दुल बारी पुल के समानांतर बने छह लेन के पुल से शनिवार से विधिवत परिचालन शुरू हो गया. हालांकि परिचालन पहले से शुरू है, लेकिन आज उद्घाटन के बाद इसका विधिवत संचालन शुरू हो गया. पुराने अब्दुल बारी पुल के समानांतर बने 1.5280 किलोमीटर के छह लेन के पुल के डाउनस्ट्रीम के तीन लेन का निर्माण 266 करोड़ से हुआ है. बता दें कि अपस्ट्रीम के तीन लेन का उद्घाटन 10 दिसंबर 2020 को ही हो चुका है तथा उसपर परिचालन शुरू है.
शाहाबाद और पूर्वांचल से पटना पहुंचना होगा आसान
कभी जाम के तामझाम से नाकाम ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कोईलवर मशहूर था. एक जमाने से शाहाबाद, पूर्वांचल समेत अन्य जगहों से पटना जाना टेढ़ी खीर साबित होता था. आरा से पटना की 55 किमी की दूरी तय करने में लोगों के पसीने छूट जाते थे. पुराने अब्दुल बारी पुल के सिंगल लेन के होने की वजह से गाड़ियों का परिचालन बारी-बारी से रोक कर कराया जाता था. इस वजह से जाम इतनी विकराल हो जाती थी की कहना मुश्किल था. अब नये पुल के बन जाने से आरा से पटना की 55 किमी की दूरी तय करने में 55 मिनट का भी समय पर्याप्त होगा.
व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है नया पुल
कोईलवर में बना नया सिक्सलेन पुल व्यावसायिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. डोरीगंज बबुरा के बीच गंगा नदी पर बने पुल, सकड्डी-नासरीगंज स्टेट हाइवे, मोहनिया-आरा पथ सासाराम-आरा और आरा-बक्सर पथ के बन जाने से पुराने कोईलवर पुल पर दबाव काफी बढ़ गया था.
लगभग पांच साल बाद बनकर तैयार हुआ पुल
सुव्यवस्थित यातायात और परिचालन के लिए नये पुल की आवश्यकता पड़ी, जिसके बाद 22 जुलाई, 2017 को सोन नदी के पूर्वी छोर पर विधिवत पूजा-अर्चना कर पुल का शिलान्यास स्थानीय सांसद आरके सिंह ने किया था. लगभग पांच वर्षों की समयसीमा में यह छह लेन का पुल बनकर तैयार हुआ, जिसे आज गण्यमान्य लोगों की उपस्थिति में देश को समर्पित किया गया. इस दौरान सूबे व केंद्र के कई मंत्री, विधायक व सांसद इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने को कोईलवर में मौजूद रहे.