IAS इनायत खान जिनके PM मोदी भी हैं फैन,पुलवामा आंतकी हमले के शहीदों की बेटियों की कर रहीं परवरिश ।
भागलपुर : ‘अररिया जिले की विधि व्यवस्था और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन ही मेरी पहली प्राथमिकता होगी। गुणवत्तापूर्ण तरीके से योजनाओं के क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाएगा। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ जीविका सहित अन्य विभाग द्वारा जीविकोपार्जन व स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। कहा कि सामुहिक सहयोग से जिले के सर्वांगीण विकास का हर संभव कोशिशें की जा जाएगी।’ मंगलवार को जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करते हुए IAS इनायत खान ने उक्त बातें कही। इनायत, जिसका मतलब देखभाल, चिंता, फेवर होता है। इस महिला अधिकारी का जैसा नाम है वैसा इनका व्यवहार भी। अररिया की नई डीएम के बारे में विस्तार से जानते हैं
आईएएस इनायत खान, ये नाम उस समय सुर्खियां बटोरने लगा। जब पुलवामा आतंकी हमले में बड़ी संख्या में देश के जवान शहीद हुए। इनमें बिहार के भी जवान शामिल थे। इनायत ने पुलवामा हमले में शहीद हुए रतन ठाकुर और संजय कुमार की बेटियों को गोद लेने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा उन्होंने अपना दो दिन का वेतन शहीदों को दे दिया। इनायत ने शहीदों की बेटियों की ताउम्र परवरिश करने के फैसले को इंटरनेट मीडिया पर सराहा गया।
पीएम मोदी ने की तारीफ
अररिया से पहले इनायत बिहार के शेखपुरा जिले की डीएम थीं। इस जिले की गिनती बिहार के पिछड़े जिलों में होती है। केंद्र सरकार देश के जिन 113 जिलों में आकांक्षा योजना चला रही है, उसमें बिहार का शेखपुरा भी शामिल है और यहां इस योजना के तहत बेहतर काम हुआ। लिहाजा, पीएम मोदी ने एक वीसी में इनायत खान की जमकर तारीफ की। पीएम ने कहा कि इनायत खान द्वारा बेहतर काम करने से ही बिहार के शेखपुरा जिले में यह बदलाव सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आकांक्षी जिलों यानी एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल बिहार के शेखपुरा जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए यहां की जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
युवा आईएएस इनायत खान के बारे में
इनायत उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा की रहने वाली हैं।
2011 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में पास कर ली। उनकी रैंक 176वीं रही।
2012 बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी हैं।
इससे पहला इनायत ने आगरा से इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने एक साल तक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी भी की लेकिन उन्होंने एक साल बाद ही यह नौकरी छोड़ दी।शेखपुरा से पहले इनायत खान का पंडारक, राजगीर और भोजपुर में अपनी सेवा दे चुकी हैं।