10 दिनों बाद से बाजारों में बिकने लगेगी शाही लीची तुड़ाई में किसानों को सावधानी बरतने की है जरूरत
बिहार की मशहूर शाही लीची लगभग 10 दिनों बाद से बाजारों में बिकने लगेगी। इस समय सबसे बड़ा प्रश्न यह है की शाही लीची की तुड़ाई के दौरान किसानों को क्या और कौन सी महत्वपूर्ण सावधानियों को बरतने की आवश्यकता होती है। लीची की तुड़ाई के दौरान अगर सावधानी नही बरती गई तो इसके फल तुड़ाई के तुरंत बाद से खराब होने लगते है। फल का गाढ़ा लाल रंग जो लीची का प्रमुख आकर्षण होता है वह रंग लीची टूटने के कुछ ही घंटे बाद से फीका पड़ने लगता है। लीची उत्पादक किसानों के लिए यह जानना अत्यंत जरूरी है लीची के फल को तुड़ाई के बाद अधिक समय तक कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
ये बातें डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के सह निदेशक अनुसंधान एवं अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि लीची एक गैर-जलवायु (Non-climacteric)फल है। लीची के फल जब पेड़ पर पूरी तरह से पक जाते हैं तभी इसकी तुड़ाई की जाती है। लीची की तुड़ाई के समय फल पर रंग का विकास, फल के ऊपर बनी गाठों का सपाट होना, छिलका का गुद्दे से आसानी से छोड़ देना, टीएसएस एवं अम्लता का अनुपात, फलों के छोटे दाने से लेकर उसके परिपक्व होने तक पूर्ण हुए दिनों की संख्या आदि विषयों पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
शाही लीची का फल अपनी छोटी अवस्था से 70 से 75 दिनों में हो जाता है परिपक्व : कृषि वैज्ञानिक
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि लीची की मशहूर शाही किस्म में फल लगने के 70 से 75 दिनों के बाद शाही लीची का फल परिपक्व हो जाता है। परिपक्वता के समय फल का वजन लगभग 20 ग्राम का होता है। हालांकि जलवायु कारक फूल आने के समय को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे फलों के विकास या परिपक्वता को भी प्रभावित कर दें। लीची की तुड़ाई में लीची की खेती, उसका उत्पादन क्षेत्र और वहां की स्थिति के आधार पर लगभग पांच से आठ सप्ताह का समय लग सकता हैं। लीची की तुड़ाई सुबह या शाम में करनी चाहिए जब वातावरण का तापमान कम हो।
लीची के फलों की तुड़ाई के समय फलों का वजन 20 से 25 ग्राम होना चाहिए, लीची का रंग लाल, उसकी मिठास यानी उसमें चीनी की मात्रा 15 से 17 प्रतिशत, TSS एवं अम्लता का अनुपात 60 से 70 प्रतिशत तथा फल से छिलका आसानी से निकल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लीची के फल को लंबे समय तक कोल्ड स्टोर में नही रखा जा सकता हैं। किसान लीची की तुड़ाई के बाद फलों का इनके रंग और आकार के अनुसार ग्रेडिंग करें। लीची के हरे पत्तों को बिछाकर टोकरियों में लीची की पैकिंग करें। लीची के फलों को 1.5 से 2.0 डिग्री सेल्सियस के तापमान और 85 से 90 प्रतिशत नमी में भंडारित करना चाहिए। फलों को इस तापमान पर करीब 8 से 12 सप्ताह के लिए स्टोर किया जा सकता है। लीची की पैकिंग के लिए 25 से 35 किलोग्राम वाला लकड़ी या कागज से बने कार्टन का प्रयोग किया जा सकता है।