अनोखा ढाबा जहां फौजियों के लिए है सबकुछ मुफ्त, खाना भी फ्री,पढ़ें यह दिलचस्प कहानी ।
Raisen Unique Babba Ji ka Dhaba: मध्य प्रदेश के रायसेन के बाड़ी कस्बे के हाईवे पर स्थित एक ढाबा सोश्ल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है. नाम है: बब्बा जी का ढाबा जहां पर अक्सर फौजी रुकते हैं. इस ढाबे की खासियत भी यही है कि यहां फौजियों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है. अरविंद चौहान ने अपने पिता के नाम पर यह ढाबा शुरू किया. उनका कहना है कि बचपन से ही उनकी इच्छा सेना में जाने की थी. देश की सेवा करने उनका सपना था. उन्होंने कई बार प्रयास किया लेकिन वे आर्मी में सिलेक्ट नहीं हो पाए. फिर अपने देशभक्ति का सपना पूरा करने के लिए यह ढाबा खोला. हाईवे पर होने की वजह से अक्सर फौजी यहां आया करते. फिर उन्होंने देश के जवानों को मुफ्त में भोजन कराना शुरू किया. इन पिता-पुत्र की देश प्रेम देखकर जवान भी उन्हें काफी पसंद करते हैं.
रायसेन. मध्य प्रदेश के रायसेन जिले का एक ढाबा इन दिनों काफी चर्चा में है. बाड़ी कस्बे के हाईवे पर स्थित बब्बा जी का ढाबे में अक्सर आर्मी की गाड़ियां और सेना के ट्रक नजर आते हैं. इस ढाबे की खासियत यह है कि यहां फौजियों के लिए खाना बिल्कुल मुफ्त है. इतना ही नहीं इस ढाबे को खोलने के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है. दरअसल, इस ढाबे के ओनर सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका. फिर उन्होंने अपने पिता के नाम से यह ढाबा शुरू कर दिया. अब फौजियों को फ्री में भोजन कराकर एक तरीके से अपना सपना पूरा कर रहे हैं. बब्बा जी ढाबा संचालक के पिता फूल सिंह चौहान ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद बच्चों का कहना रहा जितने भी यहां से फौजी भाई निकलेंगे निशुल्क भोजन कराएंगे. अब जो भी फौजी भाई ढाबा पर आते हैं उनको हम फ्री में भोजन कराते हैं. सभी सामग्री उनके लिए निशुल्क रहती है.
बाड़ी कस्बे के रहने वाले अरविंद चौहान यह ढाबा चलाते हैं. उनका कहना है कि बचपन से ही उनकी इच्छा सेना में जाने की थी. देश की सेवा करने उनका सपना था. उन्होंने कई बार प्रयास किया लेकिन वे आर्मी में सिलेक्ट नहीं हो पाए. फिर अपने देशभक्ति का सपना पूरा करने के लिए यह ढाबा खोला. हाईवे पर होने की वजह से अक्सर फौजी यहां आया करते. फिर उन्होंने देश के जवानों को मुफ्त में भोजन कराना शुरू किया. इन पिता-पुत्र की देश प्रेम देखकर जवान भी उन्हें काफी पसंद करते हैं.
अरविंद का कहना है कि कुछ साल पहले उनके पिता रिटायर हुए थे. इसके बाद उनके पास काफी फ्री समय था. उनको कोई फिजिकल एक्टिविटी भी नहीं मिली. इस दौरान उन्हें ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी हो गई. इस दौरान उन्होंने सोचा की हाईवे के पास अपनी जमीन पर ढाबा खोला जाए. फिर पिता ने अपने प्लान के बारे में बताया तो मैंने भी हां कर दी. फिर मैंने सोचा की फौज में तो नहीं जा पाए, लेकिन हम अपने ढाबे में फौजी भाईयों को फ्री में खाना खिलाकर ही देश सेवा करेंगे.
अरविंद मानते हैं कि फौजी देश की सेवा करते हैं. उनका यह कर्ज हम कभी चुका नहीं सकते. हम आज सुरक्षित हैं क्योंकि वे दुश्मनों से हमारी सुरक्षा करते हैं. इसी बात पर विचार करते हुए अपने पिता के नाम पर ढाबा खोला. जबलपुर हाईवे से कई आर्मी की गाड़ियां गुजरती है. ढाबे में अक्सर फौजी रुकते है और भोजन करते हैं. इस ढाबे में भोपाल से जबलपुर और जबलपुर से भोपाल की ओर जाने बाले फौजी भाइयों को खाना खिलाया जाता है. वहीं फौजी भी इस देश सेवा से प्रसन्न होकर ढाबा संचालक की तारीफ करने से पीछे नहीं हटते.
फौजी भी करते हैं ढाबे की तारीफ
अक्सर यहां से गुजरने वाले यात्री अखिलेश कुमार शर्मा ने बताया कि अक्सर वहां से उनका आना-जाना लगा रहता है. खाना खाने चाय नाश्ता के लिए यहां रुकते हैं. जब देखो फौजी भाई यहां पर रुके मिले हैं. फौजी भाइयों का कहना है कि यह सराहनीय कदम है. प्रत्यक्ष रूप से देश की सेवा ना कर पाए वह अप्रत्यक्ष रूप से फौजियों को भोजन करा कर सेवा कर रहे हैं.