दरभंगा रेल लाइन का दोहरीकरण:38 किलोमीटर की योजना पर सात सालों से चल रहा कार्य, इसमें 18 किमी में काम अधूरा ।
समस्तीपुर।मिथिलांचल की लाइफ लाइन यानी समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड। फास्ट हो रही जिंदगी में फास्ट तरीके से गणतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे प्रशासन ने इस खंड पर 2015 में दोहरीकरण का कार्य शुरू किया। इस कार्य को तीन साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन, सात सालों में 38 किलाेमीटर की इस योजना पर रेलवे 20 किलोमीटर का ही सफर तय कर पाया है। जबकि कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए योजना को तीन चरणों में बांटा गया था। रेलवे के निर्माण विभाग द्वारा इस खंड पर पहले चरण में समस्तीपुर – किशनपुर 10.50 किलोमीटर व दूसरे चरण में दरभंगा- थलवारा 9.50 किलोमीटर में दोहरीकरण का कार्य पूरा हुआ है। अभी तीसरे चरण में किशनपुर – थलवारा के बीच 18 किलाेमीटर में लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है।
इन दाेनों स्टेशन के बीच इसी वर्ष के जून 2022 तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन कार्य की गति से नहीं लगती है कि इस वर्ष भी दोहरीकरण कार्य पूरा हो पाएगी। हालांकि रेलवे के निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि हरहाल में कार्य को 30 जून से पहले पूरा कर लिया जाएगा। अभी सिंगल पुल से ही दोहरीलाइन पर ट्रेनों का परिचालन होगा। यानी अगर सामने से ट्रेन आ रही है तो पुल से पहले स्टेशन पर उसे रुकना होगा। रेलवे पुल से एक ट्रेन को पार कराने के बाद दूसरी ट्रेन को बढ़ाया जाएगा। डीआरएम आलोक अग्रवाल बताते हैं कि इस खंड पर समस्तीपुर बूढी गंडक नदी पर दो पुलों के अलावा अधिकतर स्थानों पर एक-एक पुल का निर्माण कर लिया गया है। अभी उसी पुल के सहारे अप व डाउन लाइन की ट्रेने चलेगी। दूसरे पुलों का निर्माण हो जाएगा तो अप व डाउन लाइन अलग-अलग कर दिया जाएगा।
दूसरे पुलों के निर्माण में अभी लगेंगे वर्षों
समस्तीपुर- दरभंगा दोहरीकरण को लेकर तीसरे चरण में किशनपुर से थलवारा के बीच दोहरीकरण को लेकर 7 नए पुलों का निर्माण किया गया है। इस खंड पर पुल नंबर 11 व 12 किशनपुर- रामभद्रपुर के बीच पूर्ण हो चुका है, जबकि रामभद्रपुर- हायाघाट के बीच पुल नंबर 14, 15 और 15 ए हायाघाट- थलवारा के बीच 16 और 17 नंबर नए पुलों का निर्माण हो चुका है। नए पुलों को अपलाइन के रूप में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा इसी पुल के बगल में एक-एक और नया पुल बनना है। जिस पर निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। उक्त पुलों के निर्माण में अभी वर्षों लग सकता है।
दोहरीकरण पूरा हो भी गया तो सिंगल पुल के सहारे चलेगी ट्रेन, स्थिति सिंगल लाइन की तरह ही होगी
समस्तीपुर- दरभंगा दोहरीकरण को लेकर अभी तीसरे चरण में किशनपुर- थलवारा के बीच रेलवे लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इस दोनों स्टेशन के बीच पुल नंबर 11,12, 13 , 13 ए, 14, 15, 15 ए बागमती नदी पर 16 व करेह नदी पर 17 नया पुल बन कर तैयार है। इन पुलों से रेलवे ट्रैक को जोड़ने का कार्य चल रहा है। इस पूरे कार्य को 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। कार्य पूरा होने के बाद सीआरएस निरीक्षण करेंगे। सीआरएस के निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिलने पर तत्काल ट्रेनों का परिचालन सिंगल पुल के सहारे शुरू होगा। बाद में दूसरे पुल का निर्माण शुरू होगा। फिर जैसे-जैसे नया दूसरा पुल बनता जाएगा वैसे -वैस उसे डाउन लाइन के रूप में बदलने का कार्य होता रहेगा। पुलों के निर्माण पर करीब 75 करोड़ रुपए खर्च होगा।
कार्य में देरी का कारण पहले फंड व बाद में बना कोराेना
कार्य में देरी के पीछे रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शुरू में इस योजना के लिए पर्याप्त फंड नहंी मिल रहा है। जब फंड मिलने लगा व कार्य में तेजी आयी तो कोरोना ने परेशान कर दिया। जिससे योजना लेट होती चली गई। अब स्थिति सामान्य हुई है तो पुन: कार्य में तेजी लाई गई है।
16 व 17 नंबर पुल के गाटर से सट जाता बाढ़ का पानी
{हायाघाट- थलवारा के बीच से गुजरने वाली करेह व बागमती नदी पर स्थित पुल नंबर 16 व 17 के पुराने पुल को ध्वस्त कर दिया जाएगा। दोनों पुलों का निर्माण आजादी से पूर्व कराया गया था। इनके स्थान पर नए पुलों का निर्माण होगा। दोनों पुल बाढ की दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है। प्रत्येक वर्ष बाढ़ के दौरान बाढ़ का पानी पुल के गाटर से सट जाता है, जिससे ट्रेनों का परिचालन महीनों बंद करना पड़ता है। गत वर्ष तो पुल पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया था।
{समस्तीपुर-किशनपुर व थलवारा- दरभंगा के बीच दोहरीलाइन पर हो रहा ट्रेनों का परिचालन
{समस्तीपुर- दरभंगा दोहरीकरण के प्रथम चरण में पूर्ण हुए समस्तीपुर-किशनपुर के बीच जुलाई 19 से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। जबकि दूसरे चरण में पूर्ण हुए थलवारा-दरभंगा के बीच जून 2021 से दोहरीलाइन पर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।
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