बिहार में बारिश होने से लीची की बढ़ी मिठास, किसानों को अधिक लाभ की उम्मीद, एक हफ्ते में तुड़ाई होगी शुरू
मुजफ्फरपुर. बीते दो तीन साल के बाद मौसम लीची के लिए काफी अनुकूल माना जा रहा है. तीन दिन पहले हुई बारिश के बाद तापमान का बढ़ना लीची के लिए फायदेमंद है. इससे लीची में मिठास आने के साथ साइज भी अच्छी होगी. लीची किसानों के अनुसार अब बहुत तेज आंधी व ओलावृष्टि से ही नुकसान हो सकता है. फिलहाल मौसम अच्छा है. 15 मई के बाद लीची तोड़नी शुरू होगी. लेकिन किसानों के मुताबिक 20 मई के बाद अच्छी क्वालिटी की लीची बाजार में आयेगी.
मुशहरी का पुनास लीची के लिए प्रसिद्ध
तापमान 33 से 35 डिग्री के बीच रहने से लीची का स्वाद व गुदा उम्दा होता है. शहर के आसपास बैरिया, कन्हौली के बगीचा के लीची लाल होकर फट रहे थे. बारिश के बाद इसमें सुधार हुआ है. दरअसल, प्रदूषण की वजह से शहर के आसपास के बाग प्रभावित हो रहे हैं. कांटी के सहबाजपुर, छपरा, कलवारी, आरिजपुर में काफी लीची हैं. मीनापुर, मोतीपुर बोचहां और मुशहरी का पुनास लीची के लिए प्रसिद्ध हैं.
लीची को बाहर भेजने के लिए तैयार किया जा रहा बॉक्स
विदेश के लोगों को मुजफ्फरपुर के लीची का इंतजार होता है. लीची उत्पादक व कारोबारी भी लीची की ऑनलाइन डिमांड से उत्साहित हैं. लीची को बाहर भेजने के लिए बॉक्स तैयार किया जा रहा है. गुजरात, कोलकत्ता, बडोदरा से ऑनलाइन बुकिंग चल रही है. सबसे ज्यादा लीची का उत्पादन मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, समस्तीपुर, वैशाली में होता है. वहीं, किसानों के लिए कृषि विभाग ने एक एप भी बनाया है, जिससे लीची का ऑनलाइन ऑर्डर किया जाता है.
बिहार में अब अपार्टमेंट-हाउसिंग सोसाइटी की छतों पर फूलों के संग उगेंगी जैविक सब्जियां, जानें नए तकनीक
आंधी-पानी से कई जगहों पर नुकसान भी हुआ
मुरौल, मुशहरी, बोचहां में आंधी-पानी से लीची को नुकसान पहुंचा है. मुशहरी के गंगापुर, नरसिंहपुर, नवादा, रोहुआ सहित अन्य जगहों पर लीची और आम के पेड़ों की डालियां टूटकर गिर गयी. लीची के फल और आम के टिकोले बड़ी मात्रा में गिरे.