नीतीश के पैर छूने के दो दिन बाद बोले चिराग- राबड़ी के घर सीएम का जाना बड़ा संकेत, बदल सकता है हवा का रुख
पटना:सारे गिले शिकवे मिटाकर नीतीश कुमार के पैर छूने वाले चिराग पासवान ने भविष्यवाणी की है कि बिहार के मुख्यमंत्री जल्द ही एक नया निर्णय ले सकते हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव की इफ्तार दावत में नीतीश के शामिल होने पर ये बात कही। उनका कहना था कि यूं ही वो राबड़ी देवी के घर नहीं गए थे। लग रहा है कि बिहार की राजनीतिक हवा जल्दी बदलने वाली है।चिराग पहले बीजेपी के खासमखास माने जाते थे। वो नीतीश का तीखा विरोध करते रहे हैं। लेकिन जिस तरह से उनका सरकारी घर खाली कराया गया वो उससे खासे गुस्से में लग रहे हैं। यहां तक कि जब नीतीश लालू के आवास पर पहुंचे तो चिराग ने उनके पैर छुए। उसके बाद से ही बिहार की राजनीति में भूचाल मचा है। खास बात है कि बीजेपी लगातार नीतीश को कुर्सी से हटाने की मांग कर रही है। जदयू के नेता भी पलटवार करने से नहीं चूक रहे। दोनों के रिश्ते बेहद तल्ख हो चुके हैं।आज चिराग ने कहा कि तेजस्वी यादव की इफ्तार दावत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी एक संकेत है, जिसके गंभीर राजनीतिक असर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास को खाली कर रहे हैं। ये सामान्य बात नहीं है। चिराग ने कहा कि घर की मरम्मत का काम तो हम सभी के घरों में होता ही रहता है पर आमतौर पर हम गाय-भैंसों के साथ घर खाली नहीं करते।चिराग ने कहा कि जिस तरीके से उन्होंने मुख्यमंत्री आवास को खाली किया है, ये कुछ और इशारा करता है, यह उतनी सरल तस्वीर नहीं है, जितनी यह दिखती या दिखाई जाती है। नीतीश के राबड़ी देवी के आवास पर वाहन के बजाय पैदल चलकर पहुंचने की ओर इशारा करते हुए चिराग ने कहा कि मुझे याद है कि सोनिया गांधी जी एक बार मेरे पिता के घर पैदल चलकर आई थीं। उसके बाद वर्ष 2004 में संप्रग की शुरूआत हुई थी। उस घटना को याद करके नीतीश जी का पैदल लालू के घर जाना विशेष मायने रखता है।
चिराग ने कहा कि इफ्तार दावत में शामिल होने के लिए नीतीश जी का पैदल चलकर जाना और अगले दिन अमित शाह का पटना आना महज एक संयोग नहीं हो सकता। यकीनन राजग में सबकुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम हाल की घटनाओं पर नजर डालें नीतीश जी ने जनसंख्या कानून और पेगासस जासूसी मामले जैसे मुद्दों पर बीजेपी से विपरीत रुख अपनाया है। चिराग ने कहा कि बिहार के लिए विशेष दर्जे और जातीय जनगणना जैसे मामलों में मोदी सरकार ने उनकी उपेक्षा की है।