पिता लालू यादव से मिलकर RJD से इस्तीफा देंगे तेज प्रताप, क्या बिहार में हो गया बड़ा सियासी खेला
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। तेज प्रताप यादव पर युवा आरजेडी महानगर अध्यक्ष रामराज यादव ने मारपीट का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तेज प्रताप यादव ने उनके साथ मारपीट की गई है। इधर तेज प्रताप ने सफाई देते हुए कहा कि वो पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं और जल्द ही पिता से मिलकर पार्टी से इस्तीफा दूंगा।
तेज प्रताप यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘मैं अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने का काम किया। सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया। जल्द अपने पिता से मिलकर अपना इस्तीफा दूंगा।’ तेज प्रताप यादव के इस ट्वीट से बिहार की सियासत गरमा गई है। हाल ही में राबड़ी आवास पर तेज प्रताप यादव को सीएम नीतीश कुमार से काफी देर तक बात करते हुए देखा गया था। इसके बाद तेज प्रताप ने सरकार बनाने का दावा किया और आज पिता से मिलकर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। अब सवाल हो रहा है कि नीतीश-तेज प्रताप की मुलाकात के बाद क्या बिहार में बड़ा सियासी खेला हो गया।
इससे पहले रामराज यादव ने तेज प्रताप यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि इफ्तार पार्टी वाले दिन कमरे में बंदकर लालू यादव के बेटे ने मारपीट की और आपत्ति जनक वीडियो भी बनाई है। इससे वह बहुत आहत हैं। मारपीट की वजह से वह सदमे में हैं। इस सदमे से निकलने के बाद अब वो आरजेडी कार्यालय पर अपना इस्तीफा देने पहुंचे हैं। रामराज यादव ने तेज प्रताप यादव पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उसे क्रिमिनल से मरवाने की धमकी दी है और जल्द उनकी हत्या करवाई जा सकती है।
तेज प्रताप ने सभी आरोपों को बताया निराधार
हालांकि मीडिया में यह मामला आने पर तेज प्रताप यादव ने इसे निराधारा बताया है। तेज प्रताप की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि रामराज यादव बहकावे में आकर उन पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि इफ्तार पार्टी वाले दिन वह काफी अपनेपन के साथ रामराज से मिले। तेज प्रताप यादव की ओर से एक तस्वीर भी जारी की गई है, जिसमें रामराज यादव साथ में बैठकर फोटो खिंचवा रहे हैं।
नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और जातिगत जनगणना पर उनकी चुप्पी को पढ़ने के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं है। बता दें, नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार की दावत में शामिल हुए थे।
नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से इफ्तार दावत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी के बाद बिहार में नए राजनीतिक समीकरणों को लेकर कयास जारी हैं। इस बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। एक इंटरव्यू में तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्ष 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन की वकालत की और कांग्रेस को नसीहत दी कि उसे उन 200 से अधिक सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां उसका सीधा मुकाबला भाजपा से है।
तेजस्वी ने कहा कि राजद का कभी भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आरएसएस, भाजपा और उसके सहयोगियों से कभी हाथ नहीं मिलाया और ‘सुविधा की विचारधारा’ से प्रेरित होकर कभी उसने कोई राय नहीं बनाई। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच पार्टी को पुन: खड़ा करने को लेकर जारी मंथनों के दौर पर 32-वर्षीय राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर पेशेवरों और मार्केटिंग एजेंसियों की सेवा लेने से कोई चुनाव जीत सकता है तो अमीर लोग पार्टियां बनाकर देश पर राज करते। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के विवेक पर निर्भर करता है कि वह कैसे पार्टी के भीतर किशोर की भूमिका तय करती है?
नीतीश कुमार के ‘दावत-ए-इफ्तार’ में शामिल होने के बाद जारी सियासी अटकलों और राजद के जनता दल (यूनाइटेड) से फिर जुड़ने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा, ‘हमारी पार्टी दो से भी अधिक दशकों से इफ्तार और मकर संक्रांति यानी दही चूड़ा का आयोजन करती रही है और हम हमेशा सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित करते रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से एक पारंपरिक आयोजन था और इसका एकमात्र संदेश शांति, सद्भाव, भाईचारा और सौहार्द्र से निकाला जाना चाहिए। तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘हनमे शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि इसके बारे में राजनीतिक मायने निकालना उस खास अवसर की महत्ता को कमतर करना होगा।’यह पूछे जाने पर राज्य में सरकार बदलने की कहीं कोई कवायद तो नहीं चल रही है क्योंकि पूर्व में आपने भी कई अवसरों पर कहा है कि नीतीश कुमार भरोसेमंद नहीं है, इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा कि राजद ही एक ऐसी क्षेत्रीय पार्टी है जिसने कभी अपनी विचारधारा, मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
हमने कभी BJP-RSS से परोक्ष रूप से हाथ नहीं मिलाया: तेजस्वी
उन्होंने कहा, ‘हमने कभी आरएसस, भाजपा और उनके सहयोगियों से प्रत्यक्ष का परोक्ष रूप से हाथ नहीं मिलाया। अल्पकालिक फायदे के लिए सुविधा की विचारधारा के आधार पर हम राय नहीं बनाते। हमने भाजपा, आरएसएस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुनबे से हाथ मिलाने वाले फासीवादी और संविधान-विरोधी ताकतों के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए विचारधारा में बदलाव का कोई सवाल ही नहीं होता।’नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और जातिगत जनगणना पर उनकी चुप्पी को पढ़ने के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं है।उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार की दावत में शामिल हुए थे। इस मौके पर नीतीश कुमार, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी और राबड़ी देवी साथ बैठे ओर चर्चा करते नजर आए थे।
200 में से आधी सीटें जीतना कांग्रेस को सुनिश्चित करना चाहिए: तेजस्वी
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष की भावी रणनीति क्या होना चाहिए और क्या भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस को विपक्ष की धुरी होनी चाहिए, तेजस्वी ने कहा कि वह वर्ष 2019 से कहते आ रहे हैं कि 200 के करीब सीटों पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लिहाजा उसे इनमें से कम से कम 50 प्रतिशत सीटें जीतना सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
एक व्यापक और संयुक्त विपक्ष होना चाहिए: राजद नेता
उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक और संयुक्त विपक्ष होना चाहिए और कांग्रेस को भी व्यवहारिक होना चाहिए। जिन राज्यों में विपक्षी दल मजबूत ताकत हैं, वहां उसे पीछे हटना चाहिए ताकि उनकी जीत की संभावना बढ़े।’ उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच हो, जिसमें सभी को समाहित किया जाना चाहिए और उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता संविधान की प्रस्तावना पर आधारित होनी चाहिए।
बुलडोजर से भारत की आत्मा को भी कुचला जा रहा है: तेजस्वी
देश में ‘बुलडोजर राजनीति’ के सुर्खियां बनने और हाल ही में दिल्ली के जहांगीरपुरी और मध्य प्रदेश के खरगोन में चलाए गए अतिक्रमण रोधी अभियानों के बारे में पूछे जाने पर राजद नेता ने कहा कि इस बुलडोजर राजनीति शब्द का इस्तेमाल ही नहीं होना चाहिए और ना इसका महिमामंडन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्दयतापूर्वक गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के घरों व उनकी आजीविकाओं पर बुलडोजर चलाना ना सिर्फ संविधान के विचार को ध्वस्त करना है बल्कि भारत की आत्मा को भी कुचला जा रहा है।