बिहार के 41 जेलों के कैदी अब सीखेंगे कंप्यूटर चलाना,250 कंप्यूटर सेट मिलेगा
पटना.राज्यभर के जेलों में बंद कैदियों को अब डिजिटल साक्षर बनाने की तैयारी है। इस अभियान के तहत बंदियों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए राज्य के सभी जेलों में कंप्यूटर सेट की व्यवस्था की जाएगी। गृह विभाग ने पहले चरण में राज्य के आठ केंद्रीय कारा सहित 41 जेलों में बंद कैदियों को कंप्यूटर का व्यावहारिक प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है।
राज्य की जेलों में बंद कैदियों को कंप्यूटर सिखाने के साथ उन्हें रोजगारपरक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कोर्सों जैसे एमएस वर्ड, टैली, पावर प्वाइंट आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसको लेकर गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के साथ समझौता किया है। समझौते के तहत नाइलेट के प्रशिक्षित कर्मी जेलों में संसीमित बंदियों में कंप्यूटर की व्या
वहारिक समझ विकसित करने के साथ ही उनको डिजिटल साक्षर बनाने का काम करेंगे।
इससे जेल से छूटने के बाद इन कैदियों को रोजगार या स्वरोजगार की मदद से समाज की मुख्य धारा से जुड़ने में मदद मिलेगी। जानकारी के मुताबिक गृह विभाग ने पहले चरण में राज्य के आठ केन्द्रीय कारा सहित 41 जेलों में बंद कैदियों को कंप्यूटर का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए जाने की योजना बनाई है। इसको लेकर कारा निरीक्षणालय पहले ही 250 कंप्यूटर सेट, यूपीएस एवं कंप्यूटर टेबल की खरीद को लेकर 2.25 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दे चुका है। इस योजना के तहत पटना के आदर्श केंद्रीय कारा बेउर को सबसे अधिक 15 कंप्यूटर सेट दिया जाना है।
वहीं, बक्सर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, भागलपुर और गया के केंद्रीय एवं विशेष कारा को 10-10 कंप्यूटर सेट दिए जाएंगे। जबकि 33 मंडल काराओं को पांच-पांच कंप्यूटर सेट मिलने हैं। धीरे-धीरे सभी जेलों में इस योजना को लागू किया जाएगा। राज्य की जेलों में बंद कैदियों की ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल करने के लिए उनको जेल परिसर में ही चलाए जाने वाले विभिन्न लघु उद्योगों से भी जोड़ा गया है। ये कैदी जेल में सरसों तेल, मसाला पाउडर, वूडेन डेकोरेटिव आइडटम, जूट से बनी सामग्रियों व डिजाइनर ड्रेस आदि तैयार कर रहे हैं। इन्हें खुले बाजार में मुक्ति ब्रांड के नाम से बेचा जा रहा है।