समस्तीपुर सदर अस्पताल में मॉकड्रिल, चालू नहीं हुआ ऑक्सीजन प्लांट,कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी
समस्तीपुर।एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी है। इस बढ़ते खतरे के बीच राज्य स्वास्थ्य समिति ने 31 मई को समस्तीपुर समेत सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच के लिए मॉक ड्रिल कराया। सदर अस्पताल के डीएस डॉ गिरीश कुमार ने मॉक ड्रिल के दौरान कई बार ऑक्सीजन प्लांट को चालू करने का प्रयास किया, लेकिन कई बार के प्रयास के बावजूद ऑक्सीजन प्लांट चालू नहीं हो पाया। हालांकि, जिले में फिलहाल कोई संक्रमित मरीज नहीं मिला है, लेकिन यहां की तैयारियों की हकीकत चिंताजनक है। प्लांट खराब होने के बाद अब तक तीन बार मॉक ड्रिल हो चुकी है, लेकिन हर बार प्लांट फेल हो गया। फिलहाल अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है और मामूली जरूरतों के लिए कंसंट्रेटर का सहारा लिया जा रहा है। इधर, बीते दो दिनों में राज्य में 12 नए मरीज मिलने से राज्य में संक्रमितों की संख्या 22 हो गई है। वहीं, एनएमसीएच में मिले तीन और संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक नहीं जोड़ी है, जिनकी पुष्टि होने पर कुल मामले 25 तक पहुंच सकते हैं।
पिछले वर्ष मुंबई से आए विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मॉलिक्यूलर सिव के लिए 20 लाख, सेपरेटर 1.15 लाख, ऑयल 76 हजार, एयर व ऑयल फिल्टर 35 हजार, सर्विस चार्ज 60 हजार और टैक्स समेत कुल खर्च 41.16 लाख रुपए का अनुमान व्यक्त किया था। डॉ. गिरीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर प्लांट के एयर कंप्रेसर मशीन में आ रही समस्या की जानकारी दी थी। हालांकि प्लांट के लिए 250 केवीए का डीजी जनरेटर सेट लगाया गया, पर कंप्रेसर लोड नहीं ले पा रहा है। प्योरिटी मशीन का सेंसर भी ठीक से काम नहीं कर रहा। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो लाखों की लागत से बना यह प्लांट कबाड़ में तब्दील हो सकता है।
^स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार, ऑक्सीजन प्लांट का मॉक ड्रिल किया गया। मॉक ड्रिल में वह चालू नहीं हो पाया। उसमें आयी खराबियों और होने वाले खर्च को लेकर रिपोर्ट भेजी जाएगी। -डॉ एसके चौधरी, सिविल सर्जन, समस्तीपुर