बिहार में बेखौफ बदमाशों ने पटना में तीन लोगो को मारा गोली,रिटायर्ड नर्स और बेटी की मौत, पिता भर्ती
पटना सिटी. हेलमेट पहने बेखौफ बाइक सवार बदमाशों ने एनएमसीएच से सेवानिवृत नर्स के घर पर आकर महालक्ष्मी देवी (61वर्ष) , पति धनंजय महतो (58वर्ष) और बेटी सिंधाली कुमारी (22वर्ष) पर गोलियों की बौछार कर दी. इस गोलीबारी में महालक्ष्मी देवी और उनकी बेटी सिंधाली की मौत हो गयी जबकि उनके पति धनंजय गंभीर रूप से घायल हो गये. जिनका उपचार एनएमसीएच में चल रहा है. घटना आलमगंज थाना क्षेत्र के न्यू अरफाबाद काॅलोनी नहर रोड जटाही मंदिर के पास सोमवार की सुबह लगभग सवा नौ बजे के आसपास घटी है. दोहरे हत्या कांड की खबर मिलते ही मौके पर एसएसपी अवकाश कुमार, पूर्वी एसपी के रामदास,एएसपी अतुलेश झा पहुंचे और मामले में छानबीन की. पुलिस ने घटना स्थल से पांच खोखा, एक लोहे का बड़ा चाकू, एक खंती बरामद की है. एफएसएल की टीम ने जांच के लिए नमूना उठाया है. एसएसपी ने बताया कि दोहरे हत्याकांड की वजह स्पष्ट नहीं नहीं हो सकी है. जख्मी के बयान के बाद ही मामला स्पष्ट होगा. हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. आसपास में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया. जिसमें एक बाइक पर सवार हेलमेट पहने तीन अपराधी दिखे हैं. बाइक की पहचान कर ली गयी है.
हेलमेल लगाये बाइक से पहुंचे थे तीन बदमाश
बताया जाता है कि न्यू अरफाबाद काॅलोनी नहर रोड में धनंजय मेहता का चार मंजिला मकान है. उसी मकान के दरवाजे पर सोमवार की सुबह लगभग नौ बजे रिटायर्ड नर्स महालक्ष्मी देवी पति के साथ बैठी थी. जबकि बेटी सिंधाली घर के अंदर कुछ काम कर रही थी. इसी बीच एक बाइक पर सवार होकर तीन बदमाश पहुंचे. जो हेलमेट से चेहरा ढके थे. आते ही मां महालक्ष्मी देवी को निशाना साधते हुए फायरिंग की. इसके बाद बेटी को गोली मारी, फिर बदमाशों ने लकवाग्रस्त पिता धनंजय महतो को निशाना साधते हुए गोली पैर और हाथ में मारी. गोली लगने से जख्मी मां-बेटी घर से कुछ दूर मंदिर के सामने जाकर सड़क पर गिर गयी. पुलिस सूत्रों की मानें तो हत्या की योजना से पहुंचे बदमाशों ने मां-बेटी को सिर में सटा कर गोली मारी है. मृतक बेटी सिंधाली के सिर व दांए और बांए बांह में और मां महालक्ष्मी देवी के सिर और बाह में गहरे जख्म थे. जख्मी पिता के दोनों हाथ और पैर में गहरा जख्म है. पुलिस ने आशंका जताया है कि पेशेवर हमलावरों ने स्वाचिलत पिस्टल का उपयोग कर घटना को अंजाम दिया है. ऐसा प्रतीक होता है कि अपराधियों ने टारगेट सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में ताबड़तोड़ गोलियां दाग हत्या करना था. जिसमें वो कामयाब हो गये. मुहल्ले की लोगों की मानें तो हत्या के बाद अपराधी हथियार लहराते हुए सीधे सड़क के रास्ते से भागे हैं. सूचना मिलते ही मौके पर आलमगंज थानाध्यक्ष राहुल कुमार ठाकुर पुलिस बल के साथ पहुंचे. इसके बाद तफ्तीश आरंभ की. जख्मी धनंजय का कहना है कि किसी से उसका झगड़ा नहीं है. अज्ञात लोगों ने आकर घटना को अंजाम दिया है.
दंपती ने रचाया था प्रेम विवाह, रहते थे परिवार से अलग
जख्मी धनंजय के पिता बाइपास थाना के धवलपुरा निवासी शिवलाल मेहता ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पहले बेटा धनंजय ने महालक्षमी देवी ने प्रेम विवाह किया था. धनंजय खुद भद्र घाट स्थित एक निजी नर्सिंग होम में कपाउंडर का कार्य करता है. बेटा-पतोहू को संतान के नाम पर एक पुत्री है. जो पुणे में एयर होस्टेज के लिए कोर्स कर रही थी. जो तीन दिन पहले पुणे से यहां आयी थी. बेटा-पतोहू अपना मकान बना कर यहां पर रहते थे. जबकि परिवार के बाकी सदस्य धवलपुरा में रहते थे. पिता ने बताया कि लगभग पांच माह पहले पतोहू नर्स महालक्ष्मी कुमारी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्स से सेवानिवृत हुई थी. बेटे का किसी से झगड़ा या विवाद नहीं है. विवाद को खंगाल रही पुलिसमां-बेटी की हत्या की गुत्थी सुलझाने में लगी पुलिस पुराने विवाद को भी खंगाल रही है. पुलिस की मानें तो नर्स महालक्ष्मी देवी ने वर्ष 2020 के पांच जुलाई को आलमगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें घर में ईंट-पत्थर फेंकने और धमकी देने की बात कही गयी थी. थानाध्यक्ष राहुल ठाकुर ने कहा कि फिलहाल कुछ स्पष्ट तरीके से नहीं बताया जा सकता है. मां-बेटी के दोहरे हत्याकांड को लेकर पुलिस हर बिंदुओं पर छानबीन कर रही है.
उजड़ गया परिवार,कैसे होगा जीवन पार
बदमाशों की गोली से जख्मी पिता धनंजय महतो नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में बेड पर उपचार हो रहा है. जख्मी पिता का कहना है कि बदमाशों ने परिवार को उजाड़ दिया. हो सके तो मेरी तरह पत्नी और बेटी को बचाइए,हर किसी से आरजू मिन्नत करते हुए पिता एक ही रट लगा रहे थे. इस दौरान वो बदहवाश की स्थिति में आ रहे थे.अब उनका जीवन कैसे पार होगा. अस्पताल से ही सेवानिवृत हुई नर्स महालक्ष्मी देवी और बेटी की हत्या की अस्पताल के कर्मी भी मर्माहत थे. इस दौरान अस्पताल में कार्यरत नर्स शोक प्रगट करने के लिए भेजा मर्माहत होकर पहुंची. कर्मी भी इस घटना से दुखी और मर्माहत थे. इन लोगों का कहना था कि हत्यारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.