मुजफ्फरपुर स्टेशन पर कर्मभूमि एक्सप्रेस से 24 बच्चे मानव तस्करों के चंगुल से बचाए गए, 5 गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर News: कर्मभूमि एक्सप्रेस से 24 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराते हुए, 5 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. आरपीएफ, जीआरपी व बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम के अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है. मानव तस्कर इन बच्चों को पंजाब के अलग-अलग शहरों में मजदूरी कराने के लिए ले जा रहे थे. बीते दिनों बुधवार को शाम लगभग 6:50 बजे, जब ट्रेन नारायणपुर अनंत स्टेशन से गुजर रही थी, तो सामान्य कोच में कुछ डरे-सहमे बच्चे देखे गए.
ऑपरेशन में कौन-कौन रहे शामिल
खुफिया विभाग के अधिकारियों ने पहले भी कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी को लेकर सूचना दिया था. अभियान में आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार और जीआरपी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार के नेतृत्व में राजेंद्र कुमार सिंह, आनंद कुमार, सूरज पाण्डेय, रितेश कुमार, लालबाबू खान, रंजीत पासवान, बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक परियोजना अधिकारी जय मिश्रा टीम में शामिल थे.
पकड़े गए पांचों मानव तस्कर
विलास कुमार, फलका, कटिहार, कटिहार और पूर्णिया से कुल 6 बच्चों को जालंधर की मक्का फैक्ट्री में ले जा रहा था.
अविनाश हेमब्रम, दालकोला, पश्चिम बंगाल, 2 बच्चों को लुधियाना में मजदूरी के लिए ले जा रहा था.
मनोज केवट, आजमनगर, कटिहार, कटिहार और सहरसा से 7 बच्चों में से 5 को अंबाला और 2 को जालंधर ले जा रहा था.
तनवीर कुमार, गंगौर, खगड़िया, खगड़िया से 6 बच्चों में से 3 को अंबाला और 2 को लुधियाना ले जा रहा था.
मनीष कुमार, हसनपुर, समस्तीपुर, समस्तीपुर से 3 बच्चों में से 2 को जालंधर और 1 को अमृतसर के होटलों में मजदूरी के लिए ले जा रहा था.
बच्चों को दस से 12 हजार प्रति माह का दिया लालच
आरपीएफ के अनुसार पूछताछ में इन तस्करों ने बताया कि कि वे बच्चों को ठेकेदारी के तौर पर पंजाब के विभिन्न शहरों में स्थित फैक्ट्रियों और होटलों में मजदूरी कराने के लिए ले जा रहे थे. प्रत्येक बच्चे को 10 से 12 हजार रुपये प्रति माह का लालच दिया गया था. बच्चों के नाम और पते का सत्यापन करने के बाद, सभी पांचों तस्करों की तलाशी ली गयी. लिखित शिकायत के बाद आगे की कार्रवाई के लिए मामले को जीआरपी को सौंप दिया गया