वैभव के पिता बोले-2026 वर्ल्ड कप जरूर खेलेगा मेरा बेटा,घर आने पर केक काट कर मनाया खुशियाँ
समस्तीपुर।वैभव ने जब गुजरात टाइटन्स के खिलाफ शतक लगाया था। मैं देख रहा था, ऐसा लग रहा था, जैसे मैं सपना देख रहा हूं। मैच खत्म होने के बाद वैभव ने सबसे पहला कॉल मुझे किया। इसके बाद मुझे लगा कि मेरी तपस्या पूरी होने वाली है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगले साल भारत और श्रीलंका में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में वैभव जरूर खेलेगा।’
वैभव सूर्यवंशी के अंडर-19 में सिलेक्शन के बाद उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने दैनिक भास्कर से फोन पर बातचीत की।
IPL के 7 मैच खेलकर एक शतक और एक अर्धशतक लगाकर चर्चा में आने वाले समस्तीपुर के ताजपुर मोतीपुर के रहने वाले 14 साल के वैभव का सिलेक्शन टीम इंडिया के अंडर-19 में हुआ है। खबर के बाद वैभव ने परिजन और दोस्तों के साथ जश्न मनाया और केक काटा।समस्तीपुर के लोगों ने भी इस खबर के बाद जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। IPL में राजस्थान के बाहर होने के बाद वैभव गुरुवार को ही समस्तीपुर पहुंचे थे। चार घंटे घर पर रहने के बाद वे समस्तीपुर से पटना पहुंचे और फिर बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए।
मेरा सपना मेरे बेटे के जरिए पूरा हो रहा
पटना एयरपोर्ट पर उनके पिता संजीव सूर्यवंशी और उसकी मां आरती भी उन्हें छोड़ने के लिए पहुंची थीं। दैनिक भास्कर से बातचीत में संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि कभी मैं भी क्रिकेट का दीवाना था। मैं भी बिहार और देश के लिए क्रिकेट खेलना चाहता था। लेकिन उस वक्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की मान्यता नहीं थी। इस वजह से मैं जिला स्तर पर क्रिकेट खेलकर रह गया और सफल क्रिकेटर नहीं बन पाया। लेकिन अब लग रहा है कि मेरा सपना मेरे बेटे के जरिए पूरा हो रहा है।
तीन साल की उम्र में ही पहली बार थामा बल्ला
संजीव बताते हैं कि जब वैभव तीन साल का था, तब पहली बार उसने प्लास्टिक वाली बैट पकड़ी थी। बैट लेकर वो घर में दौड़ता था। जब मैंने उसे देखा तो मुझे लगा कि वैभव के जरिए मैं अपने सपने को पूरा कर सकता हूं। वैभव भी बैट के साथ खुश दिख रहा था। दो साल बाद यानी जब वैभव 5 साल का हुआ, तब मैंने उसे बैट पकड़ाई और उसकी ट्रेनिंग शुरू कर दी। पांच साल की उम्र में ही उसके अंदर मुझे क्रिकेट के प्रति जनून देखने को मिलने लगा।
फिर मैंने वैभव के लिए अपने सारे सुख का त्याग कर दिया। शुरू में आसपास के लड़कों को लेकर नेट पर वैभव को प्रैक्टिस कराने लगा। जब थोड़ा बड़ा हुआ, तो उसे समस्तीपुर के पटेल मैदान में लेकर जाने लगा। जब वैभव 9 साल का हुआ तो क्रिकेट की बेहतर ट्रेनिंग के लिए मैंने उसका एडमिशन पटना में करा दिया।
संजीव बोले- बेटे के लिए पत्नी आरती ने भी बहुत त्याग किया
करीब तीन से चार साल तक वैभव को मैं रोज ताजपुर से पटना करीब 90 किलोमीटर क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए लेकर आने जाने लगा। पत्नी आरती रात करीब दो बजे उठती थी। नाश्ता बनाती थी। साढे तीन चार बजे ताजपुर से पटना के लिए मैं वैभव को लेकर निकलता था।हालांकि, इस दौरान मुझे आर्थिक परेशानी शुरू हो गई। इस परेशानी को दूर करने के लिए मुझे कुछ जमीन भी बेचनी पड़ी। दोस्तों का भी कर्ज हो गया। लेकिन अब जिस तरह से वैभव को एक के बाद एक सफलता मिल रही है, वो सब कुछ अभी भी याद है।
टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा होगा मेरा बेटा
संजीव सूर्यवंशी के मुताबिक, आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए आखिर के 7 मैचों में वैभव को खेलने का मौका मिला। मैं उसके प्रदर्शन से काफी खुश हूं। उसका प्रदर्शन कैसा रहा, इसका उदाहरण ही है कि उसे अंडर-19 टीम में इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिल रहा है। मेरा बेटा और बेहतर करेगा, इसका मुझे पूरा भरोसा है। जैसे-जैसे वो ग्राउंड पर समय गुजारेगा, उसके खेल में और निखार आता जाएगा। मुझे ये भी भरोसा है कि अगले साल भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया हिस्सा जरूर बनेगा।
टीम इंडिया में सिलेक्ट होने वाले समस्तीपुर का पहला क्रिकेटर
वैभव सूर्यवंशी इंडियन टीम में सिलेक्ट होने वाले समस्तीपुर के पहले क्रिकेटर हैं। संजीव बताते हैं कि ये ऐसा पल है, जिसे मैं शब्दों में बया नहीं कर सकता हूं। आखिर में वैभव के उम्र को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि इधर एक साल में न सिर्फ वैभव के करियर में ग्रोथ हुआ है, बल्कि शारीरिक रूप से भी उसने विकास किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI कई बार वैभव का बोन टेस्ट कर चुका है। जरूरत हुई तो वैभव एक बार फिर बोन टेस्ट को तैयार है।
डेब्यू मैच में पहली ही गेंद पर लगाया था छक्का
वैभव ने लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ IPL में डेब्यू किया था। उन्होंने अपने IPL करियर की पहली ही गेंद पर छक्का लगाया। वैभव ने यह छक्का शार्दूल ठाकुर के गेंद पर लगाया था।पहले मैच में वैभव ने 20 गेंदों में 34 रन बनाए। उन्होंने दो चौके और तीन छक्के लगाए थे। 9वें ओवर में ऐडन मार्करम ने उन्हें स्टंपिंग कराया। आउट होने के बाद वैभव पवेलियन लौटते वक्त भावुक दिखे थे।