बच्ची को मिला माता -पिता का प्यार, केरल के दंपती ने लिया गोद
हाजीपुर.जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने लंबे समय से इंतजार कर रहे केरल के एक दंपती को चार वर्ष की बच्ची को सुपुर्द किया। इस दौरान बच्ची प्राप्त कर दंपती ने जिलाधिकारी को आभार व्यक्त किया। जिलाधिकारी ने बताया कि यह प्रक्रिया दत्तक ग्रहण अधिनियम 2022 के प्रावधानों के अनुरूप किया गया है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण नई दिल्ली के तत्वावधान में जिला बाल संरक्षण इकाई,वैशाली के द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के संयोजन से बच्चे को गोद लेने के लिए सभी प्रक्रिया का पालन सह अनुपालन करते हुए दंपति को अनाथ 4 वर्ष की बच्ची सौंपा गया। 6 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद बच्ची के प्राप्त होते ही दंपती झूम उठें और उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
कोर्ट ऑर्डर के लिए जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में किया जाएगा आवेदन
इसके बाद अब जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में कोर्ट ऑर्डर के लिए आवेदन किया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने के पश्चात ही दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होगी। जिलाधिकारी ने दंपती को बच्ची सौंपते हुए उपहार स्वरुप खिलौने भी प्रदान किए। इस अवसर पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई वैशाली विनोद कुमार ठाकुर, बाल संरक्षण पदाधिकारी, दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक तथा अन्य कर्मी उपस्थित थे।
दंपती ने बच्ची की गोद लेने के लिए 6 वर्ष पूर्व किया था पोर्टल पर आवेदन बताया गया कि दंपती के द्वारा 2019 में बच्ची गोद लेने के सर्वप्रथम केंद्रीय दत्तक अभिकरण के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया गया था। यह बच्ची लगभग 08 माह पूर्व रेलवे स्टेशन हाजीपुर से चाइल्ड हेल्प लाइन को परित्यक्त अवस्था में पायी गयी थी। चाइल्ड हेल्पलाइन वैशाली के द्वारा बच्ची बाल कल्याण समिति वैशाली के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। समिति के आदेश से उसे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित कर उसके जैविक माता-पिता की खोज करने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन भी करवाया गया, परंतु उसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया। 120 दिनों तक कोई दावेदार के नहीं आने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के एडॉप्शन की साइट पर पंजीकृत करवा दिया गया। मुंबई में कार्यरत बंगाली के दंपति के द्वारा दत्तक ग्रहण में लेने हेतु सहमति दी गई।