बाजार में उतरा सीजन का बंबइयां आम और लीची की पहली खेप,मन खट्टा कर रहा बेस्वाद
पटना: भागलपुर में मौसम की मार से आम के मंजर झड़ने के कारण बाजार में आम अब भी खास बना हुआ है. क्षेत्र में समय से पहले गर्मी से मंजर सूख कर काले पड़ गये या फिर बारिश से झड़ गये. इधर, अधिक मुनाफा के चक्कर में कई कारोबारियों ने समय से पहले लीची मार्केट में उतार दिया है. शहर में कई जगहों पर लीची की बिक्री हो रही है. चाहे लोहिया पुल के नीचे हो, आदमपुर चौक हो या तिलकामांझी चौक ही क्यों नहीं हो.
समय से पहले टूटने पर लीची बेस्वाद
गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत लत्तीपाकर धरहरा के चंदन सिंह ने बताया कि अभी लोकल में कम मात्रा में आने वाला पटनिया लीची टूट रहा है. हालांकि मनराजी व शाही लीची सा स्वाद नहीं है. अभी बंगाल का भी लीची आ रहा है. वहीं पकरा के लीची बागवान सौरभ सिंह ने बताया कि अभी लीची पूरी तरह से मैच्योर नहीं हुआ है. समय से पहले लीची टूटने पर बेस्वाद है. अभी लीची में मिठास नहीं आया है. लोग नये फल का स्वाद लेने के लिए अधिक से अधिक पैसा चुकाते हैं. चाहे खट्टा ही क्यों नहीं लगे.
क्या कहते हैं आम कारोबारी
आम कारोबारी मनोज कुमार ने बताया कि भागलपुर के बाजार में अधिकतर आम चेन्नई से आ रहा है. अभी दो तरह के आम बाजार में आये हैं. मद्रासी गुलाब खास आम 120 रुपये किलो, मद्रासी बंबई 100 रुपये, तो बंगाली बंबई 80 रुपये किलो, बंगाली मालदह 110 रुपये किलो बिक रहे हैं, जबकि जर्दालू की तरह लंबा आम 2500 रुपये प्रति सैकड़ा रुपये किलो बिक रहे हैं. दुकानदार इसे लोकल बताकर बेच रहे हैं. इसके विपरीत आम बागवान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि अभी आम मैच्योर नहीं हुआ है. लोकल भी आया होगा, फल कारोबारियों का कहना है कि अभी अधिकतर आम कार्बेट व अन्य केमिकल से पकाया जाता है, इसलिए आम खाने में सावधानी बरतना चाहिए. आम को पानी में डालकर घंटे-दो घंटे के लिए छोड़ देना चाहिए, ताकि कार्बाइड का प्रभाव खत्म हो सके.
क्या कहते हैं चिकित्सक
वरीय चिकित्सक डॉ विनय झा ने बताया बेमौसम आम से कैल्सियम कार्बोनेट, कार्बन डाय ऑक्साइड बनता है. इससे अपच, एसिडिटी की शिकायत होगी, पेट फूलना, चेहरे पर फोड़ा फुंसी आदि बीमारी हो सकती है. इस तरह का आम खाने से बचना चाहिए, या पानी में डालकर कुछ देर छोड़ देना चाहिए. इसके बाद खाना चाहिए.