बिहार पुलिस ने खेला अवैध वसूली का खेल,लोगों को पकड़ा,पैसे ऐंठे;जो नहीं दिया उन्हें शराब तस्कर बना भेजा जेल
पटना।खगड़िया में 4 दारोगा, 7 सिपाही समेत अन्य अपराधियों ने मिलकर कानून की आड़ में अवैध वसूली का खेल खेला। लोगों को पकड़ा। पैसे ऐंठे। जिन्होंने मुट्ठी गर्म नहीं की उन्हें शराब तस्कर बनाकर जेल भेज दिया। जांच हुई तो सभी पुलिस पदाधिकारी दोषी पाए गए। सबके विरुद्ध एफआईआर हुई। लेकिन इन आरोपित पुलिस वालों को सजा दिलाना तो दूर, इन पर चार्जशीट तक नहीं हुई। जबकि 90 दिनों में ऐसे केस में चार्जशीट दायर करने का नियम है।
यह गड़बड़झाला किसी एक केस में नहीं हुआ। 2020 से लेकर 2025 तक ऐसे कई मामले हैं। चित्रगुप्तनगर थाना में दर्ज कांड संख्या 464/20, 11/24 व अलौली थाना में दर्ज कांड संख्या 117/25 इसकी बानगी भर हैं। पांच साल के अंदर दर्ज तीनों केस में से एक में भी पुलिस चार्जशीट नहीं दायर कर पाई। इस देरी के लिए न तो किसी आईओ न ही किसी जांच अधिकारी पर कार्रवाई हुई।
कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी; पकड़ाया नहीं, स्टे ऑर्डर मिला
चित्रगुप्त नगर थाने के श्रवण सिंह ने 20 अप्रैल 2024 को केस किया। उनके घर काम करने वाले मजदूर रामकुमार को शराब पीने के आरोप में उत्पाद विभाग की टीम ने पकड़ा, बाइक जब्त की। श्रवण के दामाद गणेश ने कोर्ट में फाइन जमा कर उसे छुड़ा लिया। जब बाइक लेने उत्पाद विभाग में गए तो वहां एसआई राजकुमार ने 5 हजार मांगे। विरोध करने पर एसआई बैजनाथ यादव व अन्य 5 पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट की। जांच में आरोप सत्य पाए। गिरफ्तारी का आदेश हुआ। गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। आरोपी कोर्ट से स्टे ऑर्डर लाने में सफल रहे।
बोनट पर बोतल रख फोटो खींची, हाजत में बंद किया
20 मार्च 2025 को अलौली थाना में एक केस हुआ। पीड़ित आशुतोष ने बताया कि वे 12 मार्च की रात भोज खाकर लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस की गाड़ी ने रोक लिया। थाने के ड्राइवर ने हमारी बोलेरो की बोनट पर शराब की बोतल रखकर फोटो ली। फिर हमें हाजत में बंद कर दिया। 4 बजे सुबह बखरी ले जाकर एटीएम से 80 हजार रुपए निकलवाए। कागज पर दस्तखत लेकर छोड़ दिया। आशुतोष ने 13 मार्च को एसपी को आवेदन दिया। एसपी ने थानाध्यक्ष समेत 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया। केस किया।
तीन साल तक जांच लटकाई, कम्प्रोमाइज से निपटाया
चित्रगुप्तनगर थाने में 2020 के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुबोध पंडित व टाइगर मोबाइल सिपाही रंजीत कुमार, संजय कुमार दास ने करण यादव व कन्हैया ठाकुर के साथ मिल गौरव कुमार से 14.60 लाख का गबन कर लिया। पैसा नहीं लौटाना पड़े इसलिए गौरव को शराब तस्कर बता जेल भेज दिया। जांच तीन साल तक चलती रही। 30 जून 2023 को एसपी ने आरोपी एसआई, सिपाहियों के विरुद्ध चार्जशीट दायर करने का आदेश दिया। एसआई ने पीड़ित के पिता को रुपए वापस कर कोर्ट में कम्प्रोमाइज कर लिया।
राकेश कुमार, एसपी, खगड़िया
Q जांच में जानबूझकर देरी हुई?
-तीनों मामले मेरे संज्ञान में है। सभी की प्रोसीडिंग चल रही है। विभागीय कार्रवाई समाप्त होते ही सभी आरोपी पुलिस अधिकारियों को सेवा मुक्त किया जाएगा।
Q पुलिस के पास शराब कहां से आई?
-इस पहलू की जांच हो रही है। नतीजा जल्द सामने होगा।
Q आईओ पर कार्रवाई क्यों नहीं?
-लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। अलौली वाले मामले में पुलिस तेज गति से काम कर रही है।