2486.22 करोड़ रुपए से इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क दिसंबर तक बन जाएगी,निर्माण कार्य शुरू
पटना.सामरिक दृष्टि से अहम इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क इस साल पूरी बन जाएगी। बिहार में भारत-नेपाल सीमा से सटे पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों को जोड़ने वाली इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना का निर्माण अंतिम चरण में है। 450 किमी से अधिक सड़क यानी 80 प्रतिशत निर्माण हो गया है।
इस संबंध में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इस साल दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। पश्चिमी चंपारण के मदनपुर से शुरू होकर किशनगंज के गलगलिया होते हुए सिलिगुड़ी तक जाने वाली इस महत्वपूर्ण केंद्रीय परियोजना का निर्माण 2486.22 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण और 131 पुल व पुलियों के निर्माण के लिए राज्य सरकार अपनी तरफ से 3300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।
एसएसबी की चौकियों को सड़क मार्ग से जोड़ना उद्देश्य
साल 2010 में इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य सीमा सुरक्षा बल की चौकियों को सड़क मार्ग से जोड़ना और सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण स्थापित करना है। भारत-नेपाल की कुल 729 किलोमीटर लंबी सीमा में से बिहार की 554 किलोमीटर सीमा इस सड़क परियोजना के दायरे में है। उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और बिहार को मिलाकर इसकी कुल लंबाई 1372 किलोमीटर है। मंत्री ने कहा कि यह सड़क सीमा सुरक्षा बल की चौकियों तक तेज और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करेगी। अवैध घुसपैठ और तस्करी पर सख्त नियंत्रण का माध्यम बनेगी। सीमावर्ती क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और कृषि उत्पादों के लिए सुगम, सुरक्षित और सीधा संपर्क मार्ग होगा।