दो साल में 500 लोगों से 5 करोड़ की ठगी:ग्रुप लोन उठाकर हुआ फरार
पटना।पूर्णिया में ठगी का एक नया मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने दो साल में करीब 500 लोगों को लोन दिलवाने के नाम 5 करोड़ की ठगी की है। आरोपी का नाम उमेश यादव है, जो 6 महीने से फरार है।उमेश के अपहरण की झूठी कहानी बनाकर अब पत्नी भी अपने ससुर के साथ फरार हो गई। फिलहाल पूर्णिया स्थित उमेश के घर में अब कोई नहीं है। उमेश के पिता दूध बेचने का काम करते थे। मामला कृष्णपुरी यादव टोला का है।
दरअसल, 10 साल पहले उमेश बंधन ग्रुप से जुड़ा और कलेक्शन एजेंट का जॉब करने लगा। कुछ ही साल में वो स्वयं सहायता समूह का लीडर बन गया। इसके बाद से ही उसने लोगों को झांसे में लेना शुरू किया। कम समय में ही करोड़पति बनना चाहता था। इसके लिए उसने ग्रामीण क्षेत्र के कम पढ़े-लिखे लोगों को टारगेट किया। उमेश उन लोगों को भी टारगेट करता था, जिन्हें पैसों की सख्त जरूरत होती थी।
वह लोगों को यह कहकर डराता था- ‘आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाएगा, ग्रुप लोन लीजिएगा तो अकाउंट चालू रहेगा।’ ऐसे में अगर किसी को 50 हजार रुपए का लोन चाहिए होता था तो उमेश उन्हें 1 लाख का लोन दिला देता था।1 लाख में 50 हजार रुपए खुद रखकर उमेश कहता था- ‘बाकी 50 हजार के किस्त मैं ही भरुंगा।’ हालांकि, अब अब उमेश गायब है। उसने जो रुपए लिए थे, उसका किस्त भी अब पीड़ित को ही चुकाना पड़ रहा है।
पीड़ितों पर किस्त भरने का दबाव
स्वंय सहायता समूह अब ग्रामीणों पर किस्त भरने का दबाव बना रही है। जिससे परेशान लोगों ने शातिर ठग के खिलाफ स्थानीय के. नगर थाना में सामूहिक लिखित शिकायत दी है। शातिर ठग की गिरफ्तारी की मांग की है।अधिकांश पीड़ित के.नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। के. नगर क्षेत्र के झुन्नी इस्तांबरार पंचायत, बेला रिकाबगंज, वनभाग चूनापुर, कृष्णापूरी यादव टोला के हैं। जबकि कुछ शहर के मधुबनी यादव टोला के हैं।
झूठे केस में फंसाने की धमकी दी
मो. तबरेज ने कहा, ‘रुपयों की जरूरत थी। मैंने 2 साल पहले ग्रुप लोन लिया था। मैंने समय रहते पूरा किस्त क्लियर कर लिया था। इसके बावजूद मेरा अकाउंट इनएक्टिव था।’9 महीने पहले उमेश यादव मेरे घर आया। अकाउंट ब्लैकलिस्ट होने और माइनस में चले की बात कहकर उसने मुझे झांसे में लिया।’
‘मेरे नाम पर 1.30 लाख का ग्रुप लोन उठा लिया। 2-3 महीने ग्रुप लोन चलाया और फिर 6 महीने पहले वो घर से फरार हो गया। जब मुझे और बाकी ग्रामीणों को इस बात की भनक लगी, हमलोग उसके घर पहुंचे।’उसकी पत्नी ने झूठी किडनैपिंग की बात बताई। इसके बाद पिछले महीने भी मैं उसके घर कृष्णापुरी यादव टोला गया था, जहां उसकी पत्नी ने झूठे केस में फंसा देने की धमकी दी।’
मैं चेन्नई में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करता हूं। अकांउट ब्लैकलिस्ट करने के नाम पर मेरी पत्नी को बहकावे में लिया और 6 महीने पहले 80 हजार लोन उठा लिया। मेरे नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर मेरे नाम पर रुपए उठा लिए। इसी महीने में मालूम हुआ कि वो भाग निकला है।
मो. आजम ने बताया कि ‘उमेश यादव ने मुझे भी यही बात कहकर मेरे नाम पर 8 महीने पहले 1.70 लाख रुपए का ग्रुप लोन उठाया। सिर्फ दो किस्त उसने भरा। पिछले 7 महीने से मैं हर महीने 13 हजार 100 रुपए का किस्त भर रहा हूं। इसे भरने के लिए मवेशी बेचनी पड़ी है।’
लोन के कुछ रुपए हमें दिए बाकी वो खुद कर लिया
मो. सादिक, जुबेर आलम ने बताया, ‘साल भर पहले कुछ रुपयों की जरूरत पड़ी थी। उमेश यादव ने फायदा उठाते हुए हमारे नाम पर 1.50 लाख और 1.80 लाख रुपए उठा लिए। हमें 30 और 50 हजार रुपए दिए गए और बाकी रुपए उमेश यादव ने खुद रख लिए।”ग्रुप लोन समय पर भरने की बात कही थी। 3 महीने तक उसने किस्तें भरी, इसके बाद मकई कटने की बात कहकर आगे की किस्तें भरने का भरोसा दिया। ग्रुप लोन वालों के बढ़ते दबाव के बाद किसी तरह किस्तें हमने भरी। 6 महीने पहले ठग भाग गया और अब उसकी पत्नी भी घर पर ताला लगाकर भाग निकली।’
बैंक वाले सुसाइड करने के लिए कहते हैं
माहिरा खातून ने कहा, ‘उमेश यादव ने मुझे खाला कहकर भरोसे में लिया। 6 महीने पहले मेरे नाम पर 40 हजार का ग्रुप लोन उठा लिया। मकई कटने पर किस्त भरने की बात कही। इसके कुछ ही दिन बाद पता चला कि उमेश भाग निकला है।”अब लोन के किस्त की राशि जमा करने के लिए मुझे गाय और बकरी तक बेचनी पड़ रही है। घर में चूल्हा तक नहीं जल रहा। स्वंय सहायता समूह वाले उन्हें सुसाइड कर लेने तक की बात कह रहे हैं।’
बैंक पासबुक और आधार कार्ड भी रख लिए
संजीदा खातून ने कहा, ‘मुझे बेटी की शादी, व्यवसाय और घर बनवाने के लिए 2 लाख की जरूरत थी। उमेश यादव ने मुझे रुपए दिलवाने की बात कही। मेरे नाम पर 2 साल पहले 2 लाख रुपए उठा लिए।’एक साल किस्त भरी और कहा दूसरे साल मुझे एडवांस में सारे पैसे लौटा देगा। दस्तावेज सुरक्षित रखने का हवाला देकर बैंक पासबुक, आधार कार्ड समेत जरूरी दस्तावेज अपने पास रख लिए थे। अब ग्रुप लोन वाले घर आकर धमकी दे रहे हैं। किस्त भुगतान न करने पर घर पर कब्जा कर लेने की धमकी दे रहे हैं। बैंक वाले फांसी लगाकर मर जाने की बात कहते हैं।’
ग्रामीणों से अच्छा संबंध बनाकर रखा था
ग्रामीणों का कहना है, उमेश यादव के भागने के बाद उसकी पत्नी ने भरोसा दिलाया था कि मकई कटने पर रुपए लौटा दिए जाएंगे।’
ग्रामीण सरवर आलम और मो. मंजूर ने कहा-
ठग उमेश यादव के पिता रविन्द्र प्रसाद यादव साइकिल से 20 साल पहले दूध पहुंचाने आया करते थे। इसी दौरान बेटे का भी ग्रामीणों के बीच विश्वास बन गया। गांव के हर लोगों से उसने पारिवारिक जैसा रिश्ता बना लिया था।वहीं, के. नगर थानाध्यक्ष नवदीप गुप्ता ने बताया, ‘ग्रामीणों की ओर से ठगी की बात सामने आई है। ग्रामीण अपनी शिकायत लिए थाना पहुंचे थे, पुलिस ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर मामले की जांच में जुट गई है।