“छात्र-छात्राओं को टॉर्चर करने वाला प्रिंसिपल अरेस्ट:B-ED कॉलेज के स्टूडेंट्स ने की थी शिकायत,मांग रहे थे 30 हजार
समस्तीपुर के सोनावती कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रिंसिपल डॉ. पवन गुप्ता पर छात्र-छात्राओं ने मेंटल टॉर्चर करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही स्टूडेंट्स का कहना है कि वो हर चीज के लिए रुपए की डिमांड करते हैं। शनिवार को पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।प्रिंसिपल के शोषण से परेशान छात्राओं ने तीन दिन पहले शिक्षा विभाग के ACS एस सिद्धार्थ को मेल भेजकर शिकायत की। ACS ने समस्तीपुर DM रौशन कुशवाहा को जांच के निर्देश दिए। जांच के बाद पटोरी एसडीएम ने कार्रवाई की है।
कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने बताया कि ‘एडमिशन के समय बताया गया कि अटेंडेंस नहीं भी रहेगा तो परीक्षा में बैठने की इजाजत दी जाएगी। अब परीक्षा फॉर्म भरने का समय आया है तो 30 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं। 20 हजार रुपए अटेंडेंस और 10 हजार रुपए परीक्षा फॉर्म के लिए मांगे जा रहे हैं। इंटर्नशिप के लिए 3 हजार रुपए देने पर स्कूल दिए जाते हैं।’छात्रों ने बताया कि ‘जो छात्र पैसे देने में असमर्थ है, उन्हें प्रिंसिपल कहते हैं रुपए देने होंगे, नहीं तो आत्महत्या कर लो। यह मेरा कॉलेज है, यहां मेरा रूल चलता है।’
छात्रा रविता कुमारी ने कहा,
जब मैं फॉर्म भरने के लिए आई थी तो सेकेंड ईयर की छात्रों से 40 से 50 हजार रुपए लिए जा रहे थे। कई छात्राएं रो रही थी। हमसे बोला गया कि 30 हजार रुपए दीजिए।
रुपए के लिए ब्लैकमेल किया जाता है
छात्र अविनाश कुमार ने कहा, ‘यहां पैसा बहुत ज्यादा मांगा जा रहा है। जिसे देने में असमर्थ हूं। प्रिंसिपल से अनुरोध किया तो बोले जो करना है करो, लेकिन पैसा देना होगा। 1600 की जगह 5 हजार मांगे जा रहे हैं। 100 से ज्यादा युवा पीड़ित हैं।’छात्र शिवांशु कुमार ने कहा, ‘हर चीज के लिए पैसे मांगे जाते हैं। प्रैक्टिकल के लिए भी रुपए मांगे जाते हैं। ब्लैकमेल किया जाता है। पेमेंट कैश में लेते हैं।’
प्रिंसिपल ने जांच टीम के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया
सोनावती कॉलेज ऑफ एजुकेशन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड है। यहां लंबे से समय से छात्रों को टॉर्चर किया जा रहा था। आज यानी शनिवार को जांच टीम पहुंची तो कॉलेज के प्रिंसिपल और कर्मचारियों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया।
जांच बाधित करने का प्रयास किया गया। दस्तावेज मांगने पर देने से इनकार कर दिया गया। ऐसा व्यवहार शैक्षणिक माहौल के लिए ठीक नहीं है। प्रिंसिपल यहां के बच्चों को मेंटल टॉर्चर कर रहे थे। अधिक पैसे मांगे जा रहे थे। जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं था। सारे दस्तावेज सीज कर लिए गए हैं। इसमें जो दोषी निकलेंगे उनपर कार्रवाई होगी।