“अब जो पुलिस वाले ड्यूटी के लायक नहीं,उन्हें जबरन सेवानिवृति मिलेगी
समस्तीपुर.पुलिस लाइन समस्तीपुर में तैनात पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के लिए जल्द ही प्राथमिक उपचार की सुविधा शुरू हो सकती है। विभागीय स्तर पर इस दिशा में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। प्रस्ताव तैयार कर फिर से पुलिस मुख्यालय भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पुलिसकर्मियों को मामूली इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार, छह साल पहले 2019 में भी पुलिस लाइन परिसर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) खोलने की योजना बनी थी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर प्रस्ताव तैयार किया था। तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर ने सिविल सर्जन डॉ. विवेकानंद झा से इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार रिपोर्ट मांगी थी। सिविल सर्जन ने बेड, डॉक्टर, उपकरण और खर्च का ब्यौरा भेजा था।
प्रस्ताव में ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी वार्ड, ड्रग स्टोर और प्रसव सुविधा से युक्त आधुनिक पीएचसी की कल्पना की गई थी। मेडिकल ऑफिसर, नर्स, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन की तैनाती की बात भी थी। लेकिन योजना पर अमल नहीं हो सका। पहले सप्ताह में एक दिन डॉक्टर की उपस्थिति की व्यवस्था की गई थी, जो कुछ महीनों में बंद हो गई। अब फिर से इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी हो रही है। जिले में 35 थाने हैं। करीब 1700 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।
इनमें 200 से ज्यादा पुरुष सिपाही पुलिस लाइन में तैनात हैं। अधिकतर के परिजन भी साथ रहते हैं। इसके बावजूद अब तक पुलिस लाइन में कोई समर्पित स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इलाज के लिए पुलिसकर्मियों को सदर अस्पताल या निजी क्लिनिकों पर निर्भर रहना पड़ता है। एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि सदर अस्पताल की दूरी ज्यादा नहीं है, लेकिन पुलिस लाइन में ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा देने को लेकर विभागीय स्तर पर गंभीरता से विचार हो रहा है। जल्द ही संबंधित विभाग से पत्राचार किया जाएगा, ताकि पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को इसका लाभ मिल सके।
इधर, पुलिसकर्मियों की फिटनेस जांच को लेकर भी सुस्ती बनी हुई है। मुख्यालय के निर्देश के बावजूद अब तक किसी को डॉक्टर ने फिट या अनफिट घोषित नहीं किया है। योजना 50 साल से अधिक उम्र के कर्मियों पर लागू होगी। जो ड्यूटी के लायक नहीं होंगे, उन्हें जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा। लेकिन इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस एसोसिएशन ने फील्ड में अनफिट कर्मियों को ऑफिस वर्क देने की मांग की है। साथ ही कहा गया है कि जो दोनों जगह काम करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें स्वेच्छा से वीआरएस ले लेना चाहिए।